क्यों सोने नहीं देते,
क्यों रोने नहीं देते,
क्यों हंसने नहीं देते,
क्यों खुश होने नहीं देते।

जो मैंने तुम्हे छोड़ा,
तुम मुझे छोड़ क्यों नहीं देते,
जो धुंधली पड़ गयी तुम्हारी यादें,
आँखों पर से अपना अक्स हटा क्यों नहीं लेते,
देखो अब तो खुद से भी नफरत हो चली,
तुम खुद से नफरत करने क्यों नहीं देते?

राख किये कल को एक अरसा हो गया,
तुम अस्थियां भिगोने क्यों नहीं देते,
जो दो कदम जाऊं तुमसे दूर,
तुम तीसरा कदम लेने क्यों नहीं देते,
खींच लेते हो सांस हलक से,
दम घुटता है, पर दम घुटने भी नहीं देते।

क्यों चैन से जीने नहीं देते,
क्यों सुकून लेने नहीं देते,
क्या करना ऐसी ज़िन्दगी जी कर फिर,
तुम मेरी जान ही क्यों नहीं ले लेते?

~रबी

[ Why don’t you let me sleep,
Why don’t you let me cry,
Why don’t you let me laugh,
Why don’t you let me be happy.

When I left you,
Why don’t you leave me too,
When your memories have become blurred,
Why don’t you remove your shadow from my eyes,
See I have started hating even myself now,
Why don’t you let me hate you?

It’s been a while since I burned our past,
Why don’t you let me submerge its ashes,
When I go two steps away from you,
Why don’t you let me take the third step,
You take away the breath from wind pipe,
I agonize, but you don’t let me suffocate too.

Why don’t you let me live in peace,
Why don’t you let me be relaxed,
What shall I do of this life then,
Why don’t you take my life then? ]