फरवरी की धूप

तू फरवरी की धूप सी, गुनगुनी सी खिली खिली , तू ओस गहरी रात की, जैसे घास पे बिछी सो रही, तू हाथ की लकीर सी, किसी के नसीब में किसी के नहीं, तू दुआ किसी फ़कीर की, वो खुशनसीब जिसे मिल गयी। जिसकी तलब तो है सबको ही , तू चीनी में घुली ऐसी मिठास सी, मगर जो चाह कर भी ना मिल सकी, जैसे हया हो किसी हिजाब की। ...

February 6, 2014  · #153

हसरत

हसरत है… चाहूँ मैं तुझे इतना कि … मुझे तेरी चाहत की कभी ज़रूरत ही ना पड़े। ~रबी [ I wish… that I love you so much that… I never need you to love me back. ]

May 10, 2012  · #61

गुरेज़

ज़र्रा ज़र्रा वीरान हो गया है मेरा, तेरे आँचल में पनाह लेने दे , तू कर इबादत उस खुदा की, मुझे गुरेज़ नहीं, मुझे तो तेरा बिस्मिल होने दे … ~रबी [ Every shred of mine is deserted now, Let me take shelter in your lap, You keep on praying to that God, I won’t complain, But let me become your disciple instead… ]

December 9, 2011  · #13