गर्लफ्रेंड

हमें जलाने की कोशिश मत कर दुनिया, ये ज़ाया है। गर्लफ्रेंड तो हम जब मर्ज़ी, बना सकते हैं। हम तो बस उसके इंतज़ार में हैं, जो हमें चाहे, वर्ना हम तो बहुतों को चाहते हैं … ;) ~रबी [ Don’t try to tease us, you cruel world, We can have a girlfriend whenever we want. We are just awaiting someone who likes us, Otherwise we like way too many of them! ] ...

February 14, 2012  · #36

तुझे जगाने का मन नहीं करता...

सर रक्खा है मेरे कांधे पर, जाना था कहीं, पर तुझे जगाने का मन नहीं करता। सहा नहीं जाता, इतना सुकूं है तेरे चेहरे पर, पर इसे हटाने का मन नहीं करता। तेरे जुल्फें खेलती हैं मेरे गालों से, हारना है पसंद, पर इन्हें हराने का मन नहीं करता। दुआ है रब से, ये पल कभी खत्म ना हो, इस पल से आगे जाने का मन नहीं करता। अब ऐसा होना तो मुमकिन नहीं, की हर बार मेरा कंधा तेरा तकिया बन सके, पर ऐसा ना चाहने का भी मन नहीं करता। ...

February 4, 2012  · #29

बिखरी-बिखरी

बिखरी-बिखरी सी थी ज़िन्दगी मेरी , तुम जो आये तो लगा ये संवर सी गयी। अकेली समझ डराती-धमकाती थी लोगों की नज़रें , तुम्हें देख मेरे साथ , वो भी सिहर सी गयीं। बुझी - बुझी मुरझाई सी थी काया जिसकी , तुम्हारे हाथों में पड़ वो भी निखर सी गयी। शिकायत हमें बस तुमसे थी इतनी सी, तुम्हें ज़िन्दगी में आने में सालों लग गए, पर तुम्हारे जाते हुए क़दमों में एक पल की हिचक ना थी। ...

February 2, 2012  · #28

... तो अच्छा लगता है

जब तुम मुंह बनाती हो, तो अच्छा लगता है। जब तुम मुस्कुराती हो, तो अच्छा लगता है। जब तुम खुद भूल जाती हो तो अच्छा लगता है। और फिर मुझे याद कराती हो तो अच्छा लगता है। जब तुम समझ नहीं पाती हो, तो अच्छा लगता है। क्योंकि तुम्हें समझाना भी तो अच्छा लगता है। जब पढ़ने में दिल लगाती हो, तो अच्छा लगता है। और कभी पढ़ते पढ़ते योंही सो जाती हो, तो अच्छा लगता है। ...

January 22, 2012  · #22

तेरी हर अच्छी आदत को मैं खराब कर दूंगा ...

मत आ मेरे पास, तुझे मैं बर्बाद कर दूंगा। तेरी हर अच्छी आदत को मैं खराब कर दूंगा। ऐसा नहीं के मैं चाहता नहीं तुझे, बस खुद पर जरा भी भरोसा नहीं मुझे, डराता है मुझे खुद का ही जुनूँ, तू खिलौना है मेरा, तुझे ना तोड़ मैं बैठूं, खुद धधक रहा हूँ अन्दर ही अन्दर, तुझे भी मैं राख कर दूंगा, तेरी हर अच्छी आदत को मैं खराब कर दूंगा। ...

December 8, 2011  · #12

काश जैसा फिल्मों में होता है

तू ना हो सामने तो बेचैनी इस कदर बढ़ जाती है, सोते हुए जाग जाता हूँ, जागूँ तो नींद नहीं आती है। और ऐसी कमबख्त हमारी किस्मत भी कहाँ, कि तू सपनों में आये, अब तो बस यही सपना है कि मैं जिंदगी भर सोता ही रहूँ, जो तू एक बार सपने में दिख जाए। काश जैसा फिल्मों में होता है, तुझे देखते ही ये वक्त थम सा जाता, कुछ पल ही और सही, तुझे आँखों में भरने का वक्त मिल पाता। और ये भी सही पागलपन है, के तेरी हँसी देख पता चलता है कि जिंदगी भी कितनी हसीं है। वर्ना हमें तो बस यही लगता है कि जीते रहो, ये बस जीने के लिए ही बनीं है। ...

November 17, 2011  · #5

एक बेरोजगार की आह...

क्यूँ पूछते हो मुझसे तुम ? वही सवाल बार बार। बस थोडा थक गया हूँ, नहीं मानी है पूरी हार। कल तक कहा ‘चैम्प’ मुझे, अब कहते हो, हूँ मैं बेकार। अब तकल्लुफ बस करो, मत पूछो ये मुझसे यार। लो मैं ये खुद कहता हूँ, हाँ ! हाँ ! हूँ मैं ‘बेरोज़गार’ ! –कात्यायन पाण्डेय “घायल” ~रबी [ Why do you keep asking me? The same question over and over. ...

September 18, 2011  · #3

My First Mental Vomit

Well its frustrating, Don’t you think so? When you have to say something, But have no one to go. Yes there are parents, but lets admit, We haven’t been as close to them. Well may be when we were kids, but now life’s all different and grim. Of course, there are friends to give a shout, but they got their own problems too. You don’t want to freak them out, and give them yours to chew. ...

December 25, 2010  · #1