नन्ही सी

नन्ही सी तो हो तुम मेरे सामने, पर मैं इतना भी बड़ा नहीं, की तुम मुझे ओढ़ कर, दुनिया से खुद को बचा लोगी। ~रबी [ You are so tiny, my baby, but I am not that huge even, that you can wrap me around, and save yourself from the world. ]

December 21, 2014  · #298

नींद भरी आँखें

रोने को ना आंसूं दिए, ना कांधा दिया तुमने , मैं सो नहीं पाता हूँ अक्सर, बस अपनी नींद भरी आँखें दे दे। पूछो ना भगवान से अपने, मुझे मेरी खता तो बता दे , जिन्हे मैं थोड़ा सा चाहने लगता हूँ, भगवान को बस उन्ही से क्यों दिक्कत हो जाती है। उन्हें पता है मुझसे अपनों की तकलीफ बर्दाश्त नहीं होती, फिर बस उन्हें ही क्यों दर्द देते। मेरे बदले माफ़ी मांग लेना ना दोस्त, मेरी तो वो माफ़ी भी नहीं सुनते … रोने को ना आंसूं दिए, ना कांधा दिया तुमने , मैं सो नहीं पाता हूँ अक्सर, बस अपनी नींद भरी आँखें दे दे। ...

December 19, 2014  · #296

She

she calls herself earth, fire & water, and i silently laugh at her innocent stupidity. she doesn’t understand that she isn’t limited to just these elemental entities, she goes beyond that. she is a universe in herself. a universe that’s constantly expanding through the cosmos, encompassing the dimensions way outside the capabilities of human imagination. if i were to explore her, i would need a billion lives just to unwrap a tiny portion of her intricacies. ...

December 10, 2014  · #292

How to Defeat the World

​So you want to defeat the world? That’s a heroic endeavour Supergirl. But I wonder if that’s what God sent you on Earth for. No I don’t doubt your capability even a little. Half of you is more than enough stacked against the world. The world will try to put all its forces against you precious, It will cajole, it will scare, it will change its colors, But the blood flowing under your skin is thick and stubborn. I know you will stand your ground, take on every weapon in their arsenal, Defeat each and everyone of them, and finally win the battle, But know this, even if you win the battle, you will lose the war. The sole aim of the world is to not let you achieve what you set out for. And it would win, if its pettiness gets you entangled, Messing with it, is not how you defeat the world. ...

November 19, 2014  · #272

Bloodied and Battered

I am in that kinda mood today, I want to harm you so much, Suck the oxygen out of your air-tract, Bring you to the knees begging for breaths, I will laugh, as you choke to death, But I won’t let you die, just yet. There’s so much I will do to you, You would curse the one you were born to. Run away, run away , You’ll get killed today. ...

November 17, 2014  · #270

Creative

You set yourself ablaze, Light up the abyss, Highlight your majestic nightmares. Volunteer to dive into the black hole of ignorance, To bring out the pearls of gay reminiscence. You delight, you surprise, and then you break the heart. You use your tears as ink to write another invisible story on the walls of consciousness. You construct your memoir through the countless hickies on everyone you embrace. You endure the labour of inertia and give birth to a new love everyday. ...

November 16, 2014  · #269

सब्र कर

आग जला कर कोई भूल गया होगा सर्द रात में, रात काली है, कोहरा घना है अभी भी, उजली सुबह की चाह में अकेली बेठी है यहाँ, थोड़ा सब्र कर सुबह आएगी तो सही। तू अकेली नहीं है, और भी हैं यहाँ, हँसते खेलते जिनकी तिलमिला उठती है ज़िन्दगी, सपने देखती है, सपनो से ही डरती है अपने, थोड़ा सब्र कर, नींद अच्छी आएगी तो सही। चलते चलते थक गयी है तू, मालूम है, दूर कहीं उड़ जाने की ख्वाइश है तेरी, मन बहुत करता होगा नई ऊँचाइयाँ छूने का, पर थोड़ा सा तो सब्र कर , पंख लगने दे तो सही। ...

October 17, 2014  · #263

मैं फिर भी ठीक हूँ

ज़िन्दगी ऐसा लगता है ठहर सी गयी गई है, मैं आगे निकल गया वो पीछे कहीं रह गयी है , बहुत कोशिश की, कि ज़िन्दगी से मुलाकात तो हो, पर ज़िन्दगी तो लगता है जैसे मर सी गयी है। इश्तेहार दिया, ज़िन्दगी जहां भी हो लौट आओ, पर ज़िन्दगी है की ना ज़िंदा ना मुर्दा मिलती है। पर मैं फिर भी ठीक हूँ। ऐसा नहीं है की मैं हँसता नहीं हूँ, ऐसा नहीं है की मैं खुश रहता नहीं हूँ, रोज सुबह ज़िंदा उठता तो मैं अब भी हूँ, रोज अपने आप से ही हार जाना दुखता तो है, फिर भी हर शाम खुद से लड़ता तो मैं अब भी हूँ, खुद से नाराज, रब से नाराज, सब से नाराज हूँ। पर मैं फिर भी ठीक हूँ। ...

October 4, 2014  · #254

अब उतर भी आओ ज़मीं पर।

धरती पर जश्न होगा, हर कोई तब मग्न होगा, बजेगा मदहोशी का संगीत , खुद थिरकने का मन होगा… बंजर मिट्टी को बूँद मिलेगी, रुक गई बयार चल पड़ेगी, कुछ टहनियाँ उदास पड़ी हैं, तुम्हे देख फिर झूम उठेंगी… बस… अब उतर भी आओ ज़मीं पर। अब उतर भी आओ ज़मीं पर। रह गयी तुम्हारे बिना, कुछ पंक्तियाँ लफ़्ज़ों बिना, कुछ आँखें दीदार को, कुछ होंठ मुस्कुराये बिना… कुछ बैठे हैं आस में, तुमसे मिलने की ताक में, शायद मन्नत मिल ही जाय, कुछ ऐसे ही एहसास में… बस… अब उतर भी आओ ज़मीं पर। अब उतर भी आओ ज़मीं पर। ...

September 3, 2014  · #244

I took some drugs today

I was drowning in my own mucous. Fluids flowing from nose, mouth ‘n ears, Saliva in and saliva out, Puking in and Puking out, The windpipe was stinging like hell, Like that kid taking tequila shots felt. Some powdered substance and a syringe, Some through mouth and Some through veins. I took some drugs today, It wasn’t pretty but I had to take. I couldn’t eat, I couldn’t sleep. Shivering like a weathered leaf, Spiking headache was unbearable, The back was broken beyond recognizable. The legs said we can no longer hold on , I was burning like a pre-heated oven, More para- and more analgesic, Couldn’t take more lest I would have killed. ...

August 7, 2014  · #238