Happy Valentine Day

I think a lot about the subject of love. Not just the romantic kind, but love of all kinds.. Brotherly, motherly, friendly… There are people who want someone to love them. Someone who can take away their feeling of being ‘lonely’. Someone to take care of them, to talk to them and be a base for their self worth. Then there are some other kind of people, people like yours truly. More than someone to love them, they want someone whom they can love wholeheartedly. They hope their love would be acknowledged and respected, and at least not rejected or ridiculed. ...

February 14, 2018  · #370

बिटिया

प्यारे पापा, कभी कंधे पे खेलती थी आपके, आज कंधे तक आ जाती हूँ। फिर भी कुछ कह देते हो जोर से, मैं अब भी डर जाती हूँ। हो जाता है आपको ज़ुखाम भी , घर सारा सर पे उठा लेती हूँ। कर पाऊं आपकी, कुछ ख्वाहिशें पूरी , थोड़ा बहुत इसलिए कमा लेती हूँ। बेटा तो नहीं मैं आपका, आपने पर, बेटे से कभी खराब ना समझा। आगे भी करने देना मुझे बेटी बन कर , पापा, हर काम जो करता आपका बेटा। ...

October 14, 2017  · #365

आशियां

मैं कल शाम एक मकां देख आया, आसमां पे अपना जहां देख आया। जैसा तुमने कहा था, कुछ वैसा ही था, थोड़ा सा धुआं, कुछ धुंधला ही था। वहां दिन भी था, और थी रात भी, तुम्हारी खुशबू भी थी, बस तुम नहीं। अगली बार चलना, दिखाऊंगा तुम्हें, मैं तुम्हारे ख्वाब कहां देख आया। खरीद लूंगा, `गर पसंद आ जाए तुम्हें, तुम्हारे रहने का जो आशियां देख आया। ...

September 9, 2017  · #363

बड़ी  ख़ामोशी  से

बड़ी ख़ामोशी से मैं तुझे प्यार करता था , ना धड़कनें जानती थीं, ना दिल को पता था। हाँ इतनी ख़ामोशी से मैं तुझे प्यार करता था , ना धड़कनें जानती थीं, ना दिल को पता था। पता है, जब मैं और कलम अकेले होते थे , अक्सर तेरे बातें ही किया करते थे। तुझे याद करते कलेजा भर आता था , जो मैं कह नहीं पाता था पन्नो पे , वो पगला यूँ ही गुदगुदा जाता था। कलम की सुगबुगाहट पन्ने बता ना दें कहीं, कुछ ख्याल इसीलिए दबा के रखता था। ना धड़कनें जानती थीं, ना दिल को पता था। ...

February 17, 2017  · #358

मिनी  गुड़िया

लोरी नहीं आती गुड़िया मुझे, पर यूँही गोदी में सोया करना। अच्छा कुछ कहूँ कान में , पर मम्मा से मत शेयर करना। तू रोयेगी तो सारी रात जगूँगा, तू मुस्कुराएगी तो मैं साथ हसूँगा, खिलोने कि तरह तेरे साथ खेलूँगा, मम्मा से भी ज्यादा तुझे प्यार करूँगा। तेरे पहले कदम पे तेरा हाथ पकडूँगा, ना जाने कब यकीन ये बात करूँगा। मेरी प्यारी मिनी गुड़िया , क्या तू सच में है आयी ?…. समेट ना सकूँ इतनी खुशियाँ , क्या तू सच में है लायी ?… ...

January 7, 2017  · #356

First Step

Sitting around, I try to make sense of this life, Sometimes it feels lovely sometimes it feels like a knife, Has been put around my neck, And someone is choking me from inside, as I gasp for breadth. I get up everyday, all pumped up to conquer, The world, but then the external and internal forces conspire and whisper, to each other. They make me lose the battle even before it starts, And that’s why I hate it so much, because I don’t even get a chance, To fight for the glory, To fight for respect, To fight these demons, Hiding inside my head. ...

February 22, 2015  · #320

Same set of words

You and I have exactly the same set of words. But I know why you are able to paint them so much better than me. Because you crush your emotions inside the cavities of your letters. You have endured far too much than I could possibly imagine myself to do. I merely write. You vomit, you bleed, you sweat, you ejaculate, you lactate, You piss, you excrete. You don’t attempt to hide all the ugliness under the guile of saccharine words. Some people hate you for it. Not everyone likes to read about the nakedness of humanity. Some of us want the stories of puppies and fairy tales. You instead peel your skin and show your bones. For them to agnize that under all our inferiority and superiority complexes, we are all the same, after all. ...

January 14, 2015  · #311

In your vicinity

Every time I am in your vicinity, I catch a new condition. Here is what you have made me : Philophobic because of you. Cingulomanic for you. Somniphobic through you. Insomnia, paranoia, hyperventilation… you have taught me. Your cold might be common but the shiver that you have given me; it’s not common. It’s rare. You are the cause and you are the cure of my problem.. Alas they couldn’t find the cause and cure of your condition. ...

January 5, 2015  · #308

लौट आओ...

वहशियत तो ना कम कभी हुई है, ना कभी होगी। सुकून तो है वहां पे, पर ज़िन्दगी तो यहीं इंतज़ार कर रही। दर्द जो तुम्हें है, है तकलीफ मुझे भी। तुम्हें ज़िल्लत सहने का, मुझे वादा ना निभा पाने की। डर है तुम गुमनामी के अंधेरों ना खो जाओ कहीं , और मैं नहीं ढूँढ पाऊँगा तुमको सूरज की रौशनी में भी। चाहता तो बहुत था बनना, पर मैं इंसान हूँ तुम्हारा खुदा नहीं। पर मैं साथ रहूँगा जितना भी उसने मुझे ताकत है दी। कसम है मुझे मेरी खुशियों की, जो तुम्हारे काम आने में कहीं कोई कमी रह गयी , तो मान जाओ, खुद के लिए नहीं तो मेरे लिए ही सही। ...

December 25, 2014  · #302

कैसे मैं हँसाऊं तुम्हें

बिन छुए, बिन कुछ कहे , दूर बहुत दूर तुमसे बैठे , कैसे मैं हँसाऊं तुम्हें। बिना तुम्हें गुस्सा किये , बिना तुम्हें दर्द दिए , कैसे अपनी बेबसी का एहसास कराऊँ तुम्हें। तुम्हारी हर छोटी छोटी बात याद है मुझे , तुम्हारी आँखों से गिरा हर कतरा जेहेन में अब तक साफ़ है मेरे , पर कैसे मैं दिखाऊं तुम्हें। ये शर्मिंदगी, ये लाचारी , ये गुस्सा, ये उदासी , ये सब दिखावा तो नहीं। मुझे सच में बहुत लगता है , जब तुम्हें ठेस है लगती। अब कैसे विश्वास दिलाऊँ तुम्हें। ...

December 23, 2014  · #300