रूह  तक  बेच  दी

अब तक बस हँसना ही आता था हर घड़ी , तुमने हर पल ग़म सहना सिखा दिया। अब तक पहुँचता था मंज़िल तक वक्त - बेवक्त कभी , तुमने मुश्तों इंतज़ार करना सिखा दिया। अब तक लगता था तुम हो बस प्यार के ही काबिल , तुमने तुमसे बेइन्तेहाँ नफरत करना भी सिखा दिया। मैंने तो रूह तक बेच दी थी तुम्हारे नाम से , बताओ मेहरुल तुमने मुझे क्या दिया ? ...

April 26, 2012  · #58

आँसुओं

आज दिल कर रहा है रोने को, आँसुओं, कुछ देर मुझसे दोस्ती कर लो… ~रबी [ Today this heart wants to cry, Tears, befriend me at least for today… ]

April 12, 2012  · #52

बिखरी-बिखरी

बिखरी-बिखरी सी थी ज़िन्दगी मेरी , तुम जो आये तो लगा ये संवर सी गयी। अकेली समझ डराती-धमकाती थी लोगों की नज़रें , तुम्हें देख मेरे साथ , वो भी सिहर सी गयीं। बुझी - बुझी मुरझाई सी थी काया जिसकी , तुम्हारे हाथों में पड़ वो भी निखर सी गयी। शिकायत हमें बस तुमसे थी इतनी सी, तुम्हें ज़िन्दगी में आने में सालों लग गए, पर तुम्हारे जाते हुए क़दमों में एक पल की हिचक ना थी। ...

February 2, 2012  · #28

अफ़सोस

जब जब तुझसे मिलता हूँ, तो अफ़सोस होता है, कि तुझसे पहले क्यों ना मिला। और दुःख इस बात का, कि शायद फिर तुझसे कभी ना मिल पाऊंगा … ~रबी [ Whenever I meet you, I regret, not meeting you before, And I fear, may be I won’t meet you ever again…]

November 23, 2011  · #7

My First Mental Vomit

Well its frustrating, Don’t you think so? When you have to say something, But have no one to go. Yes there are parents, but lets admit, We haven’t been as close to them. Well may be when we were kids, but now life’s all different and grim. Of course, there are friends to give a shout, but they got their own problems too. You don’t want to freak them out, and give them yours to chew. ...

December 25, 2010  · #1