चेहरा

चेहरा तो भुला देता हूं, क्या करूं, यादें नहीं मिटती, दिन तो कट जाते हैं यूं तो, तुझ बिन रातें नहीं कटतीं। वो तकियों को नम करना, और मुंह भींच कर रोना, कोई सुन ना ले मेरी सिसकियां, तो चीख़ों से आवाज़ नहीं निकलती । मैं सोता नहीं चादर तले, इस आस में तुम आके जगाओगे, पर तुम नहीं आते, ना आओगे, ना जाने क्यों, फिर भी, आंखें नही खुलती । ...

January 28, 2025  · #434

रोज़ मरना

कोई क्या ही समझ सकेगा उसका दर्द, रबी, जिसे मरहम से पहले दर्द नोचना पड़ता है। तुम खुशहाल जीने की नसीहत ना ही दो तो सही, उसे ज़िंदा रहने के लिए रोज़ मरना पड़ता है। ~रबी [ Who can truly grasp the depth of his pain, Rabi, One who must scratch his wounds before applying balm? It’s futile to offer him advice on living joyfully, For he must die every day just to remain alive. ] ...

June 24, 2023  · #428

Emptiness

You know what emptiness is? Emptiness is sometimes how you define, The longing, the yearning, the endless plight. Emptiness is being numb to the surrounding, Trying to press a thorn in the nerves, To remind yourself of what it means to be alive. Emptiness is being never satisfied, with what you have, always craving more, Trying to surround yourself with what’s outside, but not satiating what you feel inside. ...

October 12, 2018  · #378

आप-बीती

मैं कौन था, अब क्या हो गया हूँ। अपने अक्स में अक्सर, अतीत ढूंढता हूँ। एक आह है अंदर घुटी सी, एक चाह दिल में कुछ दबी सी। चला जा रहा हूँ कहाँ, मुझको जाना है कहाँ, कहाँ छोड़ आये तुम मुझे, ये ज़िन्दगी देके, खुदखुशी सी। कहते हैं वो कुछ लोग, मैं बदल गया हूँ। कुछ कागज़ी टुकड़ो पे, रूह बेच उठा हूँ। वो ना समझेंगे कभी, आलम -ए -दिल -ए-बेताबियाँ मेरी। करें किस्से फ़रियाद मगर, करें कैसे फ़रियाद मगर, रुस्वा रहती है अब जो, मुझसे मेरी शायरी भी। ...

December 11, 2016  · #354

ए नूर

क्यों हैं मायूसी छाई , क्यों लाल हैं तेरी आँखें, क्यों है उदास तू, बस इतना बता दे मुझे। तेरी उदासी देख तड़पूँ ये भी कहाँ है सही, लेकिन कुछ पूछूं भी तो कैसे तुझसे कोई रिश्ता भी तो है नहीं। छुपा मत दर्द अपने आँचल से, एक एहसान तू कर मुझपे, तू खुशियाँ नहीं बाँट सकता मुझसे, अपने सारे गम ही मेरे कर दे। अजब है तू भी खुदा, की जिसे देख कर मैं मुस्कुराता था तूने उसे ही आज रुला दिया? जिसको देखने के लिए तरसतीं थीं आँखें मेरी, उसी की आँखों को आज भीगा दिया? ...

April 18, 2013  · #127

आदत  तुम्हारी

ना तुम मिल सके, ना तुम्हारा साया मयस्सर हुआ, जाते जाते फिर भी ये ख़ुमारी गयी नहीं। कई रातों से चाँद भी आधा ही निकला है, रुख पर पर्दा करने की आदत तुम्हारी गयी नहीं। ~रबी [ Couldn’t get you, neither your shadow, But still your intoxication hasn’t gone yet. For so many days I have seen only half of moon, Your habit of covering your face hasn’t gone yet. ] ...

September 25, 2012  · #95

बस आज मेरा ये कहा मान लो

नहीं कुछ कहने की जरूरत नहीं, नहीं कुछ करने की जरूरत नहीं, एक घुटन सी महसूस होती है, बस यों ही पास बैठे रहो। नहीं मुझे चाँद नहीं चाहिए, आसमाँ के सितारों की चाहत नहीं, बहुत अकेला लग रहा है, बस मेरा हाथ थामे रहो। नहीं मेरा हँसने का मन नहीं, आज मुस्कुराने का मन नहीं, आज दिल है बस रोती रहूँ, अपनी बाहों में छुपा लो। नहीं कहीं घूमने नहीं जाना, बाहरी नज़ारों से इश्क नहीं, आज चाहत है बस सोती रहूँ, अपने सीने में पनाह दो। ...

July 15, 2012  · #78

लौट आओ, बस एक बार

सालों बीत गए, लेकिन आज भी, कभी कभी दर्द उठता है, कभी कभी चुभन होती है, जब अचानक तुम्हारी याद आती है। लोग कहते हैं, समय बड़ा बलवान होता है, सारे घाव भर देता है, शायद सच भी है, क्योंकि अब खून नहीं रिसता, अब आँसू नहीं निकलते। पर दर्द तो आज भी होता, साँसों में तड़प तो आज भी होती है, काश बाहर के घाव नहीं भरते, काश आँखें नहीं सूखती, शायद कोई ये तकलीफ देख पाता, शायद कोई दर्द कम कर पाता। ...

July 12, 2012  · #77

आ बरस

ना रहा अब विश्वास, रब्बा तेरे भरोसों पे , ना ही तुझसे कोई आस, तू करेगा कोई तरस, गम के बादल तो छायें हैं बरसों से, है हिम्मत, तो अब आ बरस। ~रबी [ Belief in your trust is broken forever God, No longer do I hope, you will show any pity on me, The clouds of sadness are overhead since ages, Let it rain now, if you have the guts. ] ...

June 19, 2012  · #69

तारीफ़ -ए-काबिल

मुझसे फ़साद क्या है तू मुझे बता, मैं हूँ तेरा बिस्मिल अभी भी। अपनों को मेरे, तकलीफ़ दे मुझे सजा देना, ऐ ख़ुदा, तेरी ये अदा तारीफ़ -ए-काबिल नहीं। ~रबी [ Tell me what’s your problem with me, I am still your disciple, But to punish me by hurting my loved ones, Oh God, This style of yours isn’t praise-worthy. ]

June 4, 2012  · #67