Would You Be My Santa?

Of course you are going to blame me. But do remember I asked you so many times. Had you given a few more pictures I would have been happy, But you made me think as if asking your photos is an unpardonable crime. Disappointed, I had to obsess on just one picture, clearly you left me no choice , And I ended up postmorteming it like a curious kid tearing up his toy, Now, if you are going to curse me, please be my guest, But you didn’t give me your time today and an idle mind is devil’s nest. ...

January 14, 2025  · #432

I Love

I love her white pearls, I love the long locks of that girl, I love her potential double chin, I love the touch of her soft skin, I love her warm soothing laughter, That alone made me fall for her, I love her nightly melodic whispers, That makes me crave her even more. I love her maddening craziness, I love all her hugs which I am yet to get, I love it when she wants to be pampered like a baby, I really love it when I am able to make her happy, I love to write for her, I love to draw for her, I love to wait for her, I love to stare at her, And one day when she would become my teacher, I would love to cook for her, and feed her with my fingers. ...

January 7, 2025  · #431

मेहुल

वो लफ्ज़ वो तराने, कागज पर लिखे गाने, तुझे हंसाने के बहाने कहीं संभाले हैं ना मेहुल। नाम तेरा सोंधा सा, मेरे होटों पर रुकता, जाते जाते लौट आता, क्यों है ना मेहुल। पानी में तेरी छपकियां, रात सोते मेरी थपकियां, लोरी सुनते सुनते झपकियां, याद आती हैं ना मेहुल। पुलिंदे अपनी तारीफ के, छत के किनारे बैठ के, हर शाम बंधवाना मुझसे, भुलाए नहीं हैं ना मेहुल। वह दिन चले गए, ना रही अब वो रातें, मैं बदल गया साथ मौसम के, तू मगर वही है ना मेहुल। ...

September 11, 2018  · #377

आशियां

मैं कल शाम एक मकां देख आया, आसमां पे अपना जहां देख आया। जैसा तुमने कहा था, कुछ वैसा ही था, थोड़ा सा धुआं, कुछ धुंधला ही था। वहां दिन भी था, और थी रात भी, तुम्हारी खुशबू भी थी, बस तुम नहीं। अगली बार चलना, दिखाऊंगा तुम्हें, मैं तुम्हारे ख्वाब कहां देख आया। खरीद लूंगा, `गर पसंद आ जाए तुम्हें, तुम्हारे रहने का जो आशियां देख आया। ...

September 9, 2017  · #363

बस  इतना  सा  कर  सकते  हो ?

जब चलूँ मैं, तुम चलो। जब रुक पडूँ, तुम रुके रहो। क्या इतना तुम कर सकते हो ? बस इतना सा कर सकते हो ? जो ख़ुशी मिले, तुम एहसास हो, जिससे हँसी मिले, तुम काश हो, ना हो अफ़सोस कभी इस बात का, तुम आस हो, पर नहीं पास हो। जब डाँटूं, थोड़ा सुन लो, बाद जितना बुरा भला कहो, क्या इतना तुम कर सकते हो ? बस इतना सा कर सकते हो ? ...

January 28, 2016  · #331

सॉंस  जायेगी  जब  तुम  जाओगे।

हम जाएंगे तो तुम आओगे, हम आएंगे तो उठके चले जाओगे, यूँ आने से जाने का सिलसिला कबसे कब तक निभाओगे ? चलो क्यों न ऐसा करें, तुम चाहो तो ये फैसला करें, साँस आएगी जब तुम आओगे। सॉंस जायेगी जब तुम जाओगे। ~रबी [ When I will go, then only you will come; when I will enter, you will walk away, Till when are you going to continue like this? OK, let’s do one thing, You be the judge and the jury for this. My breath will come with you, My breath will go with you. ] ...

October 2, 2015  · #328

पहले  क्यों  नहीं  आये  ज़िन्दगी  में

अब तक इतना क्यों रुलाया तुमने, पहले क्यों नहीं आये ज़िन्दगी में। हाँ नहीं ढूँढ पाया मैं तुम्हें, पर मैं तो खड़ा था यहीं। तुम ही आ जाते मुझे लेने। हर वक़्त सोचता हूँ, और कैसे मैं हँसाऊं तुम्हें, गुज़रा वक़्त जो नहीं मिला, वो कैसे वापस लाऊँ फिर मैं , जानती हो ना, तुम्हारी हँसी से, मेरे कितने घाव भर जाते हैं, एक ले दो मेरा नाम, प्यार से, मेरे बहुत से दर्द मिट जाते हैं। फिर अब तक इतना क्यों तड़पाया तुमने, बोलो ना, पहले क्यों नहीं आये ज़िन्दगी में ? ...

May 13, 2015  · #323

Haiku - Beautiful

All I want is a beautiful death and someone to mourn when I am dead. ~RavS

December 5, 2014  · #288

ओझल

क्या तुम हो सकते हो नज़रों से ओझल हमेशा हमेशा के लिए? क्या करूँ, जहां दिख जाते हो कमबख्त प्यार हो जाता है। ~रबी [ Can you get away from sight forever and ever? What shall I do, wherever I see you, I fall in love. ]

October 16, 2014  · #262

आँखें बंद करता था तो...

आँखें बंद करता था, तो नजर आता था, एक लहराता आँचल, एक ठहरा दरिया, टप टप करता झरना, तुम्हारे आने की आहट में, भीनी भीनी सी खामोशी, एक सुबह सोई सोई सी। एक बहती खुशबू हवा में, जो तुझसे पहले तेरे आने का पैगाम दे जाती थी , एक सिली सी नमी फिजा में , तेरे बालों से होकर मेरे चहरे को जो छू जाती थी। एक रास्ता संकरा सा, जिसपे हम चला करते थे, धीरे धीरे होले होले, बेसुध से, घंटों बातें किया करते थे। एक पीली पीली धूप चलती थी आगे आगे, जैसे हरे गलीचे पे रास्ता दिखाती हो। या कहीं ऐसा तो नही था, तेरे पैरों से लिपटने को, हर सुबह सब छोड़ कर चली आती हो। अब क्या पता, उसे भी तो तेरे साथ रहना पसंद था। ...

October 6, 2014  · #256