सुना है
सुना है बरबादियाँ ही मिलती हैं उसके आशिक़ों को वफ़ा में। तो चलो हम भी उसकी गली में चलके प्यार करते हैं। सुना है औरों की हंसी उड़ने से आती है हंसी उसे। तो चलो उसके मोहल्ले में खुद को सरे-बाज़ार करते हैं। सुना है जन्नत भी गुज़रती है उसके कदमो से होके। तो चलो उसके रस्ते में खुद को तार-तार करते हैं। सुना है, ग़मों का रुख तक नहीं देखा कभी उसने। तो चलो उसका रुख देख कर हम ख़ुशी इख़्तियार करते हैं। ...