फरवरी की धूप... एक बार फिर

मुरझाई थी फूल की कली , थी बेजान डाल बेल की , तेरे बसंत से खिल गयीं , जो फिर आ गयी… तू फरवरी की धूप सी। गुनगुनी खिली खिली। शिकायत तुझे इस बात की , तेरी प्यास से दिल बुझता नहीं , मगर ज़रा से में जो बुझ गयी , तेरी प्यास फिर किस काम की। तुझ बिन है रहती उदासी , तुझ संग बंध गयी ख़ुशी। अब तू है सब कुछ तभी , जो तू नहीं, तो कुछ नहीं। ...

February 21, 2015  · #319

मुस्कुराने (Reprise)

तुम हाँ कहो न कहो, तुम ना भी मत कहना, जैसे भी हो भोले भाले, वैसे ही रहना। मुस्कुराने की वजह तुम हो, गुनगुनाने की वजह तुम हो। जिया जाए न जाए न जाए ना , ओ रे पिया रे। एक बार तो कहो, छीन लायेंगे हम, रूखा सूखा जैसे भी हो, खा ही लेंगे संग। [ एक बार तो कहो, छीन लायेंगे तुम्हे, रूखा ही हो, सूखा ही हो, खिला तो देंगे तुम्हें। ] जिया जाए न जाए न जाए ना, ओ रे पिया रे। ...

September 24, 2014  · #250

तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी

तुझे कभी डर लगे जो अगर, हम छोड़ जाएंगे, कभी देना आवाज जोर से, फिर लौट आएंगे, मैं अक्सर वादा निभा पाता तो नहीं , फिर भी तुझसे चलो ये वादा रहा। तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं। तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं … तुझे क्या लगा हम जो गए, तुझे भूल जाएंगे , ऐसा तो नहीं मेरे न रहने से, नाते टूट जाएंगे, ऐसी प्यारी चीज को भी भला, कोई भूला करता है ? बोलो! तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं। तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं … ...

September 11, 2014  · #246

गुन्छा कोई मेरे नाम कर दिया

गुन्छा कोई मेरे नाम कर दिया, साकी ने फिर से मेरा जाम भर दिया… लेते रहे नाम उनका रह रह कर, और वो हैं की हमको ही बदनाम कर दिया, गुन्छा कोई मेरे नाम कर दिया… महफिलें जो कहती थी मासूम हैं बहुत, एक हंसी भर से वहां क़त्ल-ए-आम कर दिया, साकी ने फिर से मेरा जाम भर दिया… ऐसे जले विरहा में उनके लिए, उस शमा ने हमको परवान कर दिया, गुन्छा कोई मेरे नाम कर दिया… ...

June 10, 2014  · #196