बिटिया
प्यारे पापा, कभी कंधे पे खेलती थी आपके, आज कंधे तक आ जाती हूँ। फिर भी कुछ कह देते हो जोर से, मैं अब भी डर जाती हूँ। हो जाता है आपको ज़ुखाम भी , घर सारा सर पे उठा लेती हूँ। कर पाऊं आपकी, कुछ ख्वाहिशें पूरी , थोड़ा बहुत इसलिए कमा लेती हूँ। बेटा तो नहीं मैं आपका, आपने पर, बेटे से कभी खराब ना समझा। आगे भी करने देना मुझे बेटी बन कर , पापा, हर काम जो करता आपका बेटा। ...