या तो हम ना होते

या तो हम ना होते, या तो वो ना होते। या होते भी अगर, तो ये हालात ना होते। मैं थक गया हूँ लड़ लड़कर, काश… हम अपनों से ही बर्बाद ना होते। जो बोला है करो, जो होता है सहो, चुप रहो ! दो पल सुकून चाहना गुनाह है यहाँ, काश… हम पर ऐसे इल्ज़ामात ना होते। घुटते रहने दो इसे, जो भी है अंदर, चाहे कितना ही गहरा हो पीठ का खंजर। हम मर भी जाएँ तो किसे क्या ही फ़िक्र है, काश … रिश्ते इस तरह ख़ैरात ना होते। ...

August 28, 2020  · #424

You Will Never Make Me Proud

I’ve tried to give you everything I’ve ever had, My time, my love, my advice - good and bad. But all I have always got from you in return, Is disgrace, disappointment and heartburn. You’ve been a liar, an addict, a thug & a thief, And I always had to pay for your mischieves. I have forgotten and forgiven your every crime, In the delusion that this might be the last time. ...

May 12, 2019  · #414

Li'l Soldier

Do not hold on, Li’l soldier, Let these people go. Your clutches will not stop them, from going, just make it a Li’l slow. The more you resist, Li’l soldier, The more the fights will grow, Eventually they’ll leave, I promise, And you’ll be left with Li’l blisters to show. And what’s even there to stop, Li’l soldier, You can’t stop time, when that time is already gone, You can’t stop from breaking, what’s already broken from storm, And you can’t be Li’l right, now, when you’re already wholly wrong. ...

March 25, 2019  · #382

Empathy

I wish you suffer a lot. So you know what I feel, So you don’t pity me, So you love me in that pain. Call me selfish, but, I don’t need your sympathy, I want your empathy. If you can. Please. ~RavS ## Slight, but in a way enormous difference between sympathy and empathy. ##

June 12, 2018  · #374

हद्द से ज्यादा

तकलीफ देने लगे ज़िन्दगी हद्द से ज्यादा जो कभी, समझ लीजिये आप हमको समझने के काबिल हो गए। ~रबी [ If ever life starts you giving unbearable pain, You will become capable of understanding me that day. ] ## I have said this before, and I will repeat. Intelligent two liners are my favorite to read and write. ##

May 25, 2014  · #191

दर्द

दर्द इतना है, शायद अब दर्द की तलब सी हो गयी, जो ना हो दर्द तो लगता है, मुझे कुछ ना-मुकम्मल कहीं, कभी कभी दर्द खुद चिल्ला उठता है, बस कर फैज़, अब और नहीं, अब और नहीं। ~रबी [ There’s so much pain, may be now I am addicted to it, If I don’t feel pain, I feel there’s something missing in me, Sometimes the pain itself cries out loud, Stop it Faiz. It’s enough. It’s enough. ] ...

March 31, 2014  · #167

चिल्लाहटें

कुछ खामोश चीखें हैं मेरे पास, पर किसी को वो सुनाई नहीं देतीं , रोज चिल्लाता हूँ मैं तकिये में सर डाल कर , अँधेरे में चिल्लाहटें दिखाई नहीं देतीं। क्यों लगता है दलदल में फंसा हुआ, अब आजादी से रुसवाई सी लगती, क्यों आता है गुस्सा इतना, जब उलझाने कमाई सी लगती। दिन के रात, रात के दिन निकल जाते हैं, बंद मुट्ठियों में रेत सुखाई नहीं रूकती, कोई नहीं गौर करता जिंदा लाशों पर, जब तक मुखोटों की परत मुरझाई नहीं उतरती। ...

April 21, 2013  · #128

Healed

When you can tell your story, Without that pain, piercing in your belly, What happened with you and what could have been, When the thoughts do not make you angry, When you can smile at your adversity, And forgive the ones who have caused it, When no more do you need to search a place, dark & lonely, Every now and then, to scream. Silently. That day you come back to me, And I will tell you, that you have healed. Finally. ...

February 22, 2013  · #118

कश पे कश

कश पे कश मैं लगाता गया… हर तकलीफ़, हर दर्द, धुंए में उड़ाता गया। “ये बस आख़िरी है”, कह -कहकर ख़ुद को समझाता गया, कुछ इस तरह एक और, फिर एक और मैं सुलगाता गया… धीरे धीरे अपनों को अपने से दूर मैं भगाता गया, एक तड़पाती मौत को करीब, और करीब, मैं बुलाता गया। पर एक बार मरना मंज़ूर, हर रोज़ मरना गंवारा ना गया, इसीलिए कश पे कश, कश पे कश मैं लगाता गया… ...

December 8, 2012  · #104

कुछ नहीं, मैं ठीक हूँ...

ना मिटा शिकन अपने चेहरे से, तेरी आँखें तेरा हाल-ए-बयाँ करती हैं। करते रहो पर्दा ऊपर के ज़ख्मो पर जितना भी, अन्दर लगी चोटें कहाँ छुपती हैं? होठों पर हँसी लाने की क्या ज़रुरत , पलकों पर जमी नमी साफ़ दिखती है। और उसपर ये कहना, “कुछ नहीं, मैं ठीक हूँ…”, ठीक न होने की हद और क्या हो सकती है? ~रबी [ Do not erase the uneasiness from your face, Your eyes are telling the whole story about your state. You can cover the wounds on your exterior, But how will you cover the internal bruises? ...

November 11, 2012  · #102