या तो हम ना होते
या तो हम ना होते, या तो वो ना होते। या होते भी अगर, तो ये हालात ना होते। मैं थक गया हूँ लड़ लड़कर, काश… हम अपनों से ही बर्बाद ना होते। जो बोला है करो, जो होता है सहो, चुप रहो ! दो पल सुकून चाहना गुनाह है यहाँ, काश… हम पर ऐसे इल्ज़ामात ना होते। घुटते रहने दो इसे, जो भी है अंदर, चाहे कितना ही गहरा हो पीठ का खंजर। हम मर भी जाएँ तो किसे क्या ही फ़िक्र है, काश … रिश्ते इस तरह ख़ैरात ना होते। ...