तुझे जगाने का मन नहीं करता...

सर रक्खा है मेरे कांधे पर, जाना था कहीं, पर तुझे जगाने का मन नहीं करता। सहा नहीं जाता, इतना सुकूं है तेरे चेहरे पर, पर इसे हटाने का मन नहीं करता। तेरे जुल्फें खेलती हैं मेरे गालों से, हारना है पसंद, पर इन्हें हराने का मन नहीं करता। दुआ है रब से, ये पल कभी खत्म ना हो, इस पल से आगे जाने का मन नहीं करता। अब ऐसा होना तो मुमकिन नहीं, की हर बार मेरा कंधा तेरा तकिया बन सके, पर ऐसा ना चाहने का भी मन नहीं करता। ...

February 4, 2012  · #29

... तो अच्छा लगता है

जब तुम मुंह बनाती हो, तो अच्छा लगता है। जब तुम मुस्कुराती हो, तो अच्छा लगता है। जब तुम खुद भूल जाती हो तो अच्छा लगता है। और फिर मुझे याद कराती हो तो अच्छा लगता है। जब तुम समझ नहीं पाती हो, तो अच्छा लगता है। क्योंकि तुम्हें समझाना भी तो अच्छा लगता है। जब पढ़ने में दिल लगाती हो, तो अच्छा लगता है। और कभी पढ़ते पढ़ते योंही सो जाती हो, तो अच्छा लगता है। ...

January 22, 2012  · #22

I Will Listen

The next time you talk, I will listen. Not just from ears, But from the heart. And process it. Not just from the mind, But from the soul. Till the time you keep talking… I will control the disturbance outside, and shut down the turbulence inside. That impeding noise of hatred, Those heart-wrenching memories of failures, Will all be gone! …till the time you keep talking. When you will speak, There will be only you in the moment, And no one else will be allowed to enter it. All other works will cease to exist, Like they were never there to begin with. ...

January 20, 2012  · #20

सोच रहा हूँ... एक गर्लफ्रेंड बना लूं...

सोच रहा हूँ बहुत दिनों से, एक गर्लफ्रेंड बना लूं। वाट पहले से ही लगी पड़ी है, थोड़ी और लगवा लूं। पैसे खर्च करने पड़ेंगे धो-धो के, ये तो बहुत हद तक पता है। मगर कुछ पाने के लिए, बहुत कुछ खोना भी तो पड़ता है। दिन रात फ़ोन मेरा कुछ इस तरह चिल्लाएगा, के खुद ही के फ़ोन से डर लगने लग जाएगा। उसकी चांय चांय काँय काँय से, जो बिल* अभी देश के विकास की तरह मद्ध्म है, वही बोल्ट** की स्पीड से मैराथन दौड़ लगाएगा। ...

January 13, 2012  · #18

तेरी हर अच्छी आदत को मैं खराब कर दूंगा ...

मत आ मेरे पास, तुझे मैं बर्बाद कर दूंगा। तेरी हर अच्छी आदत को मैं खराब कर दूंगा। ऐसा नहीं के मैं चाहता नहीं तुझे, बस खुद पर जरा भी भरोसा नहीं मुझे, डराता है मुझे खुद का ही जुनूँ, तू खिलौना है मेरा, तुझे ना तोड़ मैं बैठूं, खुद धधक रहा हूँ अन्दर ही अन्दर, तुझे भी मैं राख कर दूंगा, तेरी हर अच्छी आदत को मैं खराब कर दूंगा। ...

December 8, 2011  · #12

एक बेरोजगार की आह...

क्यूँ पूछते हो मुझसे तुम ? वही सवाल बार बार। बस थोडा थक गया हूँ, नहीं मानी है पूरी हार। कल तक कहा ‘चैम्प’ मुझे, अब कहते हो, हूँ मैं बेकार। अब तकल्लुफ बस करो, मत पूछो ये मुझसे यार। लो मैं ये खुद कहता हूँ, हाँ ! हाँ ! हूँ मैं ‘बेरोज़गार’ ! –कात्यायन पाण्डेय “घायल” ~रबी [ Why do you keep asking me? The same question over and over. ...

September 18, 2011  · #3

जिंदगी भी सही मजाक है!

जितना चाहे पढ़ लो इसे, मगर पूछती ऐसे सवाल है, जिनका होता नहीं जवाब है, बिना इंडेक्स की थकेली किताब है, ज़िंदगी भी सही मजाक है। जब छोटा था तो बड़े होने की जल्दी थी, अब बड़ा हूँ, तो बचपन याद आता है, वो टाइम मशीन बनाने वालोँ का क्या हिसाब है? ज़िंदगी भी सही मजाक है। जब चीटिंग करो तो पकड़े जाओ, जब चीटिंग ना करो तो भी पकड़े जाओ, भैंस की आँख, अपनी तो तो किस्मत ही खराब है, ज़िंदगी भी सही मजाक है। ...

August 12, 2011  · #2

My First Mental Vomit

Well its frustrating, Don’t you think so? When you have to say something, But have no one to go. Yes there are parents, but lets admit, We haven’t been as close to them. Well may be when we were kids, but now life’s all different and grim. Of course, there are friends to give a shout, but they got their own problems too. You don’t want to freak them out, and give them yours to chew. ...

December 25, 2010  · #1