हसरत
हसरत है… चाहूँ मैं तुझे इतना कि … मुझे तेरी चाहत की कभी ज़रूरत ही ना पड़े। ~रबी [ I wish… that I love you so much that… I never need you to love me back. ]
हसरत है… चाहूँ मैं तुझे इतना कि … मुझे तेरी चाहत की कभी ज़रूरत ही ना पड़े। ~रबी [ I wish… that I love you so much that… I never need you to love me back. ]
कभी मशवरे पर हमारे भी गौर कर लिया करो फ़ैज़ाबादी, तुमसे वक़्फ़ियत हमारी बहुत पुरानी है। ये जो जुनूं-ए-इश्क़ तुम पर चढ़ा है नया नया, नादानी है तुम्हारी, छोड़ दो। वर्ना फ़ना हो जाओगे। ~रबी [ Listen to even our advice also, sometimes, oh Faizabadi, Our relationship with you is very old. This madness of love that has engulfed you nowadays, It’s just immaturity of yours, leave it. Else you will get perished forever. ] ...
किसी ने मुझसे कहा था कभी , इस दिल में प्यार और डर दोनों एक साथ नहीं रह सकते। तो करते हैं प्यार तुमसे अब उतना ही , जितना पहले तुमसे डरा करते थे। ~रबी [ Somebody someday told me, Love and fear can’t co-exist in this heart, So now I love you to the same extent, The extent to which I used to fear you. ]
जब तुम मुंह बनाती हो, तो अच्छा लगता है। जब तुम मुस्कुराती हो, तो अच्छा लगता है। जब तुम खुद भूल जाती हो तो अच्छा लगता है। और फिर मुझे याद कराती हो तो अच्छा लगता है। जब तुम समझ नहीं पाती हो, तो अच्छा लगता है। क्योंकि तुम्हें समझाना भी तो अच्छा लगता है। जब पढ़ने में दिल लगाती हो, तो अच्छा लगता है। और कभी पढ़ते पढ़ते योंही सो जाती हो, तो अच्छा लगता है। ...
ज़र्रा ज़र्रा वीरान हो गया है मेरा, तेरे आँचल में पनाह लेने दे , तू कर इबादत उस खुदा की, मुझे गुरेज़ नहीं, मुझे तो तेरा बिस्मिल होने दे … ~रबी [ Every shred of mine is deserted now, Let me take shelter in your lap, You keep on praying to that God, I won’t complain, But let me become your disciple instead… ]