मन होता है
तेरी आगोश में सोने को मन होता है, तुझसे लिपट कर कुछ कहने को मन होता है, तेरी आँखों में आँखें डाल कर, तेरी उँगलियों में उंगलियां कसा कर, तुझे गौर से देखने को मन होता है। जो सीने में मेरे जल रही है अर्सों से, वो आग तुझसे भिगोने को मन होता है, लगता है गरम चाशनी सा, तेरा बदन छूने को मन होता है। तेरे होटों से निकली उजली भाप में, आँखें सेंक लेने को मन होता है। ...