आतिश

तुम करती थी इंतज़ार शरारों की छाँव में, मैं आतिशों की धूप में मुन्तज़िर रहता था। तुम ढूँढा करती थी मुझे शोर के समंदर में, मैं ख़ामोशी के दरिया में बहा करता था। मुझे तुम न मिली, मैं तुम्हे न मिल सका, सब कुछ छूट गया, बहुत कुछ मिलकर। जब गलतफहमी पलती रही यूँ दोपहर से रात भर, और कटती गई ज़िन्दगी पहर दो पहर। ~रबी [ You used to wait in the shades of sparks, I used to look for you under the sunshine. You used to search me in the sea of noise, I used to swim in the river of silence. ...

July 23, 2014  · #227

नफ़रत

वो करती थी प्यार से प्यार और नफ़रत से नफ़रत कभी, आज उसे प्यार से नफ़रत और नफ़रत से प्यार हो गया। वो जो समझाया करता था, ना कर किसी से इतना प्यार पगली, वो खुद किसी की नफ़रत का शिकार हो गया। ~रबी [ She used to love the Love and hate the Hatred, Today she hates the Love and is in love with Hatred, And he who used to advise her, don’t love anyone so much idiot, He himself became a victim of someone’s hatred. ] ...

April 2, 2014  · #169

तेरी माया

ये तेरी माया है खुदा , ये तू ही है जानता , हाथ में जिसके निवाला था, उसका पेट था भरा , और पेट जिसका खाली था, उसका हाथ भी खाली रह गया। ~रबी [ It’s your guile God, only you know it, That the one whose hands were full had his stomach full, And the one whose stomach was empty remained empty handed. ]

March 29, 2012  · #50