या तो हम ना होते

या तो हम ना होते, या तो वो ना होते। या होते भी अगर, तो ये हालात ना होते। मैं थक गया हूँ लड़ लड़कर, काश… हम अपनों से ही बर्बाद ना होते। जो बोला है करो, जो होता है सहो, चुप रहो ! दो पल सुकून चाहना गुनाह है यहाँ, काश… हम पर ऐसे इल्ज़ामात ना होते। घुटते रहने दो इसे, जो भी है अंदर, चाहे कितना ही गहरा हो पीठ का खंजर। हम मर भी जाएँ तो किसे क्या ही फ़िक्र है, काश … रिश्ते इस तरह ख़ैरात ना होते। ...

August 28, 2020  · #424

कुछ  लोग

वो हाथ तो पकड़ते हैं, मगर साथ नहीं। वो मिन्नतें तो सुनते हैं , पर गुहार नहीं। वो निवाला तो देते हैं, मगर इलाज नहीं। कुछ लोग मदद करते हैं, कुछ लोग नहीं। वो प्यार तो करते हैं, मगर मजबूरियों के चलते। वो वादे तो करते हैं, पर सब झूठे हैं निकलते। वो विश्वास तो करते हैं, मगर सहूलियत के हिसाब से। मैं किससे उम्मीद करूँ, और किससे नहीं। वो मेरा इस्तेमाल करते हैं, मगर क्या ये गलत है ? वो दिखावे का ख्याल रखते हैं, पर क्या ये गलत है ? वो मुझसे बेजां मलाल रखते हैं , मगर क्या ये गलत है ? कुछ लोग समझते हैं रबी, कुछ लोग नहीं। ...

September 11, 2017  · #364

Why?

Yeah just do one thing, take this dagger and pierce it right through the ribs into my lungs. Loving you is probably the simplest thing a man can ever get to do. And yet, at times, it feels so overwhelming, only death seems to be a better alternative. Why? ~RavS

July 2, 2015  · #325

Killed the Humanity

All I seeked everywhere was love, But it seems it has ceased to exist. All I got was hatred, agony and indifferences, Expect no affection in human, it’s a myth. I do not know what to believe in anymore, Ideas, principles, relationships, people, Everything seems to have become a blur, For man might wear fancy clothes, but inside he’s still an animal. I embraced people but they injected pain in me, So I embraced the pain instead and killed the humanity within. ...

November 10, 2012  · #101