आशियां

मैं कल शाम एक मकां देख आया, आसमां पे अपना जहां देख आया। जैसा तुमने कहा था, कुछ वैसा ही था, थोड़ा सा धुआं, कुछ धुंधला ही था। वहां दिन भी था, और थी रात भी, तुम्हारी खुशबू भी थी, बस तुम नहीं। अगली बार चलना, दिखाऊंगा तुम्हें, मैं तुम्हारे ख्वाब कहां देख आया। खरीद लूंगा, `गर पसंद आ जाए तुम्हें, तुम्हारे रहने का जो आशियां देख आया। ...

September 9, 2017  · #363

I took some drugs today

I was drowning in my own mucous. Fluids flowing from nose, mouth ‘n ears, Saliva in and saliva out, Puking in and Puking out, The windpipe was stinging like hell, Like that kid taking tequila shots felt. Some powdered substance and a syringe, Some through mouth and Some through veins. I took some drugs today, It wasn’t pretty but I had to take. I couldn’t eat, I couldn’t sleep. Shivering like a weathered leaf, Spiking headache was unbearable, The back was broken beyond recognizable. The legs said we can no longer hold on , I was burning like a pre-heated oven, More para- and more analgesic, Couldn’t take more lest I would have killed. ...

August 7, 2014  · #238

गुन्छा कोई मेरे नाम कर दिया

गुन्छा कोई मेरे नाम कर दिया, साकी ने फिर से मेरा जाम भर दिया… लेते रहे नाम उनका रह रह कर, और वो हैं की हमको ही बदनाम कर दिया, गुन्छा कोई मेरे नाम कर दिया… महफिलें जो कहती थी मासूम हैं बहुत, एक हंसी भर से वहां क़त्ल-ए-आम कर दिया, साकी ने फिर से मेरा जाम भर दिया… ऐसे जले विरहा में उनके लिए, उस शमा ने हमको परवान कर दिया, गुन्छा कोई मेरे नाम कर दिया… ...

June 10, 2014  · #196

अज्ज मेरा यार नि आया

मैं करदा रवां इंतज़ार, पर अज्ज मेरा यार नि आया। मैं पट्ट देखां, देखां कई वार, के अज्ज मेरा यार नि आया। कि कित्ता मैं गल कोई खार, जे अज्ज मेरा यार नि आया। लगदा ओंनू देखे दिन हुए हज़ार, ना अज्ज मेरा यार नि आया। आजा, अब ते कंवली होया यार, क्यों अज्ज तू मेरे यार नि आया। मेनू सौ उस दी, मैं छड्ड देना संसार, जो अज्ज मेरा यार नि आया। ...

September 11, 2013  · #138

My First Mental Vomit

Well its frustrating, Don’t you think so? When you have to say something, But have no one to go. Yes there are parents, but lets admit, We haven’t been as close to them. Well may be when we were kids, but now life’s all different and grim. Of course, there are friends to give a shout, but they got their own problems too. You don’t want to freak them out, and give them yours to chew. ...

December 25, 2010  · #1