यादें
उड़ता है धुंआ, जलता मैं यहां, तेरी यादें जलती हैं, बता जाऊं मैं कहाँ ? जाऊं मैं कहाँ, पता मुझे कहाँ, तुझे भी नहीं पता, तो जा पूछ के आ। साले बता दे, आग लगी है, तन बदन में, किलस रही है। जो यादें जल रही थीं, पागल तेरी ही थीं, अब क्या फायदा, पहले बता देता, बच भी सकती थीं। इतना धुंआ, इतना धुंआ, खांस खांस के परेशां, साला जिसने आग लगाई, उसके पड़ोसी की भैंस की आँख। ...