छोटी सी लड़की की बातें इतनी बड़ी
एक छोटी सी पागल सी लड़की थी, बातें बड़ी बड़ी मगर करती थी। बड़े अजीब से सपने थे उसके, कुछ पराय कुछ अपने थे उसके, अभी उड़ना कहाँ सीखा था उनने, पंख लगने बाकी थे उनमे, अपने सपने अपने में ही कैद रखती थी, कोई छीन न ले, थोड़ा सा तो डरती थी। लोग लड़ा करते थे उससे हर बात पे, वो बेबात लोगों से लड़ा करती थी। कभी मुह सिकोड़ती, कभी मुह बनाती थी, वजन न बढे, तो थोड़ा कम ही खाती थी। खैर ये तो हर लड़की की कहानी है, उसमे क्या अलग था, ये बात कइयों से अंजानी थी, कभी नाखुनो को तिरंगे में रंगती, कभी हाथों को मेहँदी से ढंकती, कभी कुछ पहनती, कभी कुछ पहनती, कभी कभी कुछ और ही ढंग से सजती। ...