पहले  क्यों  नहीं  आये  ज़िन्दगी  में

अब तक इतना क्यों रुलाया तुमने, पहले क्यों नहीं आये ज़िन्दगी में। हाँ नहीं ढूँढ पाया मैं तुम्हें, पर मैं तो खड़ा था यहीं। तुम ही आ जाते मुझे लेने। हर वक़्त सोचता हूँ, और कैसे मैं हँसाऊं तुम्हें, गुज़रा वक़्त जो नहीं मिला, वो कैसे वापस लाऊँ फिर मैं , जानती हो ना, तुम्हारी हँसी से, मेरे कितने घाव भर जाते हैं, एक ले दो मेरा नाम, प्यार से, मेरे बहुत से दर्द मिट जाते हैं। फिर अब तक इतना क्यों तड़पाया तुमने, बोलो ना, पहले क्यों नहीं आये ज़िन्दगी में ? ...

May 13, 2015  · #323