रियासत
दादा से सीखा तपते शरीर से भी दिन रात कैसे मेहनत लेते हैं, दादी से सीखा अपाहिज होकर भी परिवार पर कैसे बरकत करते हैं, बाप ने सिखाया कैसे अपनों की ख़ुशी के लिए खुद से बेपरवाह रहते हैं, माँ ने सिखाया कैसे थोड़े से में भी बिन कुछ बोले निर्वाह करते हैं। बस मुझे रियासत में यही मिला है, इससे ज्यादा की ऐ खुदा कोई चाहत भी नहीं … ...