सुबह तेरी आवाज से शरू होती थी ,
रात ढलती थी तेरे नाम से …
बहुत कोशिश की, तुझे जेहन से निकालने की,
तुम फिर भी आ जाते थे सपनो में कितने आराम से।तुम्हे क्या पता कितनी रातें हमने जाग कर गुजारी हैं,
तुम्हे क्या पता कितने आंसूं हमने छिपकर हैं बहाए,
तुम्हे तो लगता होगा तकलीफें सिर्फ तुम्ही को मिली हैं ,
तुम्हें क्या पता कितनी तकलीफ हम अपने अन्दर हैं दबाये।जितना पास आने की कोशिश की,
जितना तुम्हें अपना बनाने की कोशिश की ,
तुम उतने ही दूर होते चले गए।
मुझे शक है तुम मेरे कभी थे भी या नहीं,
जिस लिहाज से तुम हमें छोड़कर चले गए।एक बार को लगा नफरत ही कर लें,
तुम्हें भूल जाने की जुर्रत ही कर लें ,
पर तुम इतने अन्दर तक घुल गए हो,
कौन बतायेगा मुझमे कितना मैं हूँ, और कितने तुम हो।
किसे दूर करूँ, किससे दूर जाऊं ,
पता चलता ही नहीं,
नफरत है तुमसे, झूठ बोलते बोलते खुद को,
तुमसे ना कर पाए, हमें खुद से नफरत सी हो गयी।बहुत मुश्किल है तुम मिल सकोगे कभी,
बहुत मुश्किल है जो चाहते हैं वो हो सकेगा कभी,
फिर भी उम्मीद बुझने नहीं दी है ,
इसी के सहारे तो उठते हैं रोज,
तुमने मारने में कहाँ कोई कसर रखी है।अच्छा एक बात बताऊँ, बुरा तो नहीं मानोगे?
हमने मान लिया है हम मर चुके हैं तुम्हारे वास्ते,
पर दिल डरता है बहुत, बिन तेरे जीने के ख्याल से,
सुबह अब भी तेरी आवाज से शुरू होती है,
रात अभी भी ढलती है तेरे नाम से…~रबी
[ Mornings used to start with your voice,
Night used to sleep with your name…
I tried to remove you from the mind,
Yet you would come in dreams so easily.
Do you know how many nights I have stayed awake,
Do you know how many tears I have secretly shed,
You would be thinking that only you’ve got problems,
Do you know how much pain I have hidden inside.
The more I tried to come near you,
The more I tried to make you mine,
So much you would get away,
I doubt if you were ever mine,
The way you left me without caring.
I even thought to hate you,
I even dared to forget you,
But you have dissolved so much in me,
Who would explain me how much of me is me and how much is you,
Whom do I shoo away, from whom should I go away,
I can not decide,
I only have hatred for you, telling lies to self,
I couldn’t hate you, but I started hating myself.
It’s very difficult I would ever get you,
It’s very difficult it would ever happen like I wish,
Yet I haven’t let the hope extinguish,
I get up every day only because of this,
Otherwise you spared no efforts to kill me.
OK, should I tell something, if you don’t mind?
I have accepted I am already dead for you,
But my heart gets too afraid by the thought of living without you,
Mornings still start with your voice,
Night still sleeps with your name… ]