यूं तो बरकत भी है और शोहरत भी,
साथ कुदरत भी है, ‘उसकी’ मेहरत भी ,
यूं तो है चार पल की फुर्सत भी,
पर तुम नहीं, पर तुम नहीं…यूं तो ज़िन्दगी भी है और साँसे भी,
कहने को मंजिलें भी हैं और राहें भी,
यूं तो बारिशें भी हैं और पनाहें भी ,
पर तुम नहीं, पर तुम नहीं…यूं तो ख़ुशी भी है और हंसी भी,
दिकत्तों की नहीं कोई कमी भी,
यूं तो मैं कल भी था यहीं, और आज भी,
पर तुम नहीं, पर तुम नहीं…~रबी
[ Yes I have the success and fame today,
With me is the nature and His blessings today,
I have a few seconds to spare,
But you are not here, but you are not here…
Yes, I have life and breaths,
The destination and the path is clear,
I have the rain and there is shelter,
But you are not here, but you are not here…
Yes, I have the happiness and laughter,
There is no shortage of problems as well,
And I stand here just like yesteryears,
But you are not here, but you are not here…]