कुछ  लोग

वो हाथ तो पकड़ते हैं, मगर साथ नहीं। वो मिन्नतें तो सुनते हैं , पर गुहार नहीं। वो निवाला तो देते हैं, मगर इलाज नहीं। कुछ लोग मदद करते हैं, कुछ लोग नहीं। वो प्यार तो करते हैं, मगर मजबूरियों के चलते। वो वादे तो करते हैं, पर सब झूठे हैं निकलते। वो विश्वास तो करते हैं, मगर सहूलियत के हिसाब से। मैं किससे उम्मीद करूँ, और किससे नहीं। वो मेरा इस्तेमाल करते हैं, मगर क्या ये गलत है ? वो दिखावे का ख्याल रखते हैं, पर क्या ये गलत है ? वो मुझसे बेजां मलाल रखते हैं , मगर क्या ये गलत है ? कुछ लोग समझते हैं रबी, कुछ लोग नहीं। ...

September 11, 2017  · #364

आशियां

मैं कल शाम एक मकां देख आया, आसमां पे अपना जहां देख आया। जैसा तुमने कहा था, कुछ वैसा ही था, थोड़ा सा धुआं, कुछ धुंधला ही था। वहां दिन भी था, और थी रात भी, तुम्हारी खुशबू भी थी, बस तुम नहीं। अगली बार चलना, दिखाऊंगा तुम्हें, मैं तुम्हारे ख्वाब कहां देख आया। खरीद लूंगा, `गर पसंद आ जाए तुम्हें, तुम्हारे रहने का जो आशियां देख आया। ...

September 9, 2017  · #363

Monster

I am afraid to close my eyes tonight. A monster is waiting for me to drown. I gasped for breath and saw your face, All I could utter is… “Mom!”. I don’t know if it’s pent up anxiousness, Or do I really feel so alone. But I’ll be keeping the door unlocked, Hoping that you will come. ~RavS ## Wrote it on an nightmare filled night. ##

June 25, 2017  · #362

खुशगवार से चेहरे

ना उड़ाओ हँसी मौत की भरी महफ़िल में यारों, ये खुशगवार से चेहरे, ना जाने कितने करीबी हैं। ~रबी [ Do not make fun of death in front of everyone, friends, You never know these happy faces might be so close to it. ] ## Just saying we never know what the other person might be suffering from. So gotta be careful about saying something that may offend them. ##

May 2, 2017  · #361

मोहल्ला

जान देके भी मुकम्मल कहाँ रबी। इंतेक़ाल पे भी मोहल्ला गिला करता है, जनाजे की इतिल्ला पहले से ना थी। ~रबी [ What’s the use of even giving life, When even after death the society is going to crib, they should have been informed earlier about the funeral. ] ## Society is Society. No point in crying about it. ##

April 11, 2017  · #360

थोड़ी जगह

ना बिछाओ इतने गलीचे, ना रखो इतनी कुर्सियां मेरे आँगन में। थोड़ी जगह मुझे घर में प्यार का गुलिस्ताँ उगाने को भी चाहिए। ~रबी [ Do not put so many carpets and chairs in my lawn, I want to grow a little bit of love in the house. ]

March 26, 2017  · #359

बड़ी  ख़ामोशी  से

बड़ी ख़ामोशी से मैं तुझे प्यार करता था , ना धड़कनें जानती थीं, ना दिल को पता था। हाँ इतनी ख़ामोशी से मैं तुझे प्यार करता था , ना धड़कनें जानती थीं, ना दिल को पता था। पता है, जब मैं और कलम अकेले होते थे , अक्सर तेरे बातें ही किया करते थे। तुझे याद करते कलेजा भर आता था , जो मैं कह नहीं पाता था पन्नो पे , वो पगला यूँ ही गुदगुदा जाता था। कलम की सुगबुगाहट पन्ने बता ना दें कहीं, कुछ ख्याल इसीलिए दबा के रखता था। ना धड़कनें जानती थीं, ना दिल को पता था। ...

February 17, 2017  · #358

Haiku - Momentum

Be the momentum to my inertia, The force to my resistance. The antidote to my disease. ~RavS ## It’s every thinking man’s dream, that his lady is his ultimate inspiration and source of motivation. Time and again, I get into this ugly web of mind where I am not able to move forward in life. I just feel sick not being able to understand how to get out the mess. ...

February 14, 2017  · #357

मिनी  गुड़िया

लोरी नहीं आती गुड़िया मुझे, पर यूँही गोदी में सोया करना। अच्छा कुछ कहूँ कान में , पर मम्मा से मत शेयर करना। तू रोयेगी तो सारी रात जगूँगा, तू मुस्कुराएगी तो मैं साथ हसूँगा, खिलोने कि तरह तेरे साथ खेलूँगा, मम्मा से भी ज्यादा तुझे प्यार करूँगा। तेरे पहले कदम पे तेरा हाथ पकडूँगा, ना जाने कब यकीन ये बात करूँगा। मेरी प्यारी मिनी गुड़िया , क्या तू सच में है आयी ?…. समेट ना सकूँ इतनी खुशियाँ , क्या तू सच में है लायी ?… ...

January 7, 2017  · #356

मायशा

कहने को तो जिस चिराग से उजेरा था, कहने को तो उसी चिराग तले अँधेरा था। जिससे उम्मीद लगाए बैठे थे हम दोनों ही, कहने को तो ना वो तेरा ना मेरा था। सुनी है मुसाफिरों से अफवाह ये उड़ते-उड़ते, वो मायशा दिखी थी उन्हें शायद कहीं चलते-चलते, जो चहक के कभी आँगन में उड़ आती थी, उस चिड़िया का अब कहीं और ही बसेरा था। चल पड़ें या यूँ ही बैठे रहे उसके इंतज़ार में, जो छोड़ गया मुझे बे-रस्ता अपने ऐतबार पे। गम-ए-हिज़्र ना कर रबी, बस ये रात निकल जाने दे, पिछली मर्तबा स्याह रात के बाद ही हसीं सवेरा था। ...

December 13, 2016  · #355