शायद आज कोई दूर जा रहा है...
होठ तो कुछ नहीं कहते, पर आँखों में बंद एक सैलाब है, रोकने को हाथ नहीं उठते, पर उंगलियां मुट्ठियों में कैद करने को बेताब हैं, लौट आने का झूठा वादा भी साथ है, जाने क्यों फिर दिल ये घबरा रहा है, शायद आज कोई दूर जा रहा है… कुछ बातें जो अनकही सी रह गयीं, कुछ यादें जो जल्दी में खो गयीं, कुछ लम्हे जो अधूरे से रह गए, कुछ वादे जो पूरे न कर सके, मुसाफिर, उन्हें एक बार मुड़कर तो देख ले, खामोश सीने में दिल ये कराह रहा है, शायद आज कोई दूर जा रहा है… ...