birthday-eve

Sir Happy First Birthday Eve, After finally meeting your Eve, Sure you’ll have plans tomorrow Eve, But how about the Eve of that Eve? Even if Putin invades the Kyiv, Modi can ask his fighting Peeps, To stop their army tanks and Jeeps, So his subjects can peacefully Leave . My point is not to write lyrics so Cheap, But can you make a promise you can Keep, Hope tomorrow you will be on Leave, Will you find some time for us Jeeves? ...

March 3, 2023  · #426

मुबारक़

ज़िन्दगी का नाम ही परेशानी रख देना चाहिए, और परेशानी को ही मुझे अपना फलसफा कहना चाहिए। मगर इस पथरीले इकतरफा फ़साने में एक मोड़ आता है, जहाँ से रास्ता आसान तो नहीं होता, पर चलने का हौसला मिल जाता है। जब बाँटने वाला मिलता है ना, तो परेशानी आधी और ज़िन्दगी पूरी लगने लगती हैं। जब हौसला मिलता है ना, तो रास्ता छोटा और मंज़िल पास लगने लगती है। ...

September 11, 2020  · #425

या तो हम ना होते

या तो हम ना होते, या तो वो ना होते। या होते भी अगर, तो ये हालात ना होते। मैं थक गया हूँ लड़ लड़कर, काश… हम अपनों से ही बर्बाद ना होते। जो बोला है करो, जो होता है सहो, चुप रहो ! दो पल सुकून चाहना गुनाह है यहाँ, काश… हम पर ऐसे इल्ज़ामात ना होते। घुटते रहने दो इसे, जो भी है अंदर, चाहे कितना ही गहरा हो पीठ का खंजर। हम मर भी जाएँ तो किसे क्या ही फ़िक्र है, काश … रिश्ते इस तरह ख़ैरात ना होते। ...

August 28, 2020  · #424

Die

What I am afraid of more than dying… is the thought of living long enough… to see you die… ~RavS ## Are you not afraid of living long enough to see your loved ones die? ##

July 16, 2020  · #423

अकेला

उसकी यादें, उसकी चाहत, उसके ख्वाब, उसकी हसरत, उसकी हस्ती, उसके वादे, कुछ कर जाने के इरादे, माँ की गोद, पत्नी का आँचल, लोरी को ताकती बेटी का काजल, दर्द का बोझ उठाये कंधे, गले में उलझे पोशीदा फंदे। …हम्म सब मरते हैं साथ में, वो ‘अकेला’ मरते हुए भी अकेला नहीं होता। ~रबी [ His memories, his desires, His dreams, his longings, His personality, his promises, Intentions to do something, Mother’s lap, wife’s scarf, Mascara of little daughter waiting for lullaby, Shoulders bearing the pain, An invisible noose stuck in the neck. … Hmm Everything dies with him, He is not alone even while dying ‘alone’. ] ...

June 14, 2020  · #422

मैं कश्ती हूँ

मैं कश्ती हूँ, मैं बहूँगा, थोड़े जल की बस ज़रूरत है। मैं लफ्ज़ हूँ, मैं रहूँगा, चढ़ने की लबों पे ये कुव्वत है। जो देखे थे तूने सपने, वो ख़्वाब अब भी पाले हूँ। तेरी आँखों से गिरे कतरे, मैं अब भी उन्हें संभाले हूँ। मैं सुबह हूँ, मैं लौटूँगा, बस रात ढलने की ही देरी है। मैं आग हूँ, मैं देहकूँगा। चिंगारी लगने की बारी मेरी है। ये ज़ंजीर मुझको काटे हैं, मुझे इनसे तू कट जाने दे। मैं हल्का सा ही जी लूँगा, फिर चाहे पूरा मर जाने दे। ...

May 16, 2020  · #421

...हो जैसे

आज वो नहीं, कुछ अंदर-अंदर मरा हो जैसे। काश बह जाए, मुझमें एक समंदर भरा हो जैसे। वो चला गया बेवक़्त ऐसे ही एकदम से, तक़लीफ़ हो रही है, घाव बेहद हरा हो जैसे। आज आसमान देखने की चाहत नहीं रही, मेरा चहीता तारा टूटकर गिरा हो जैसे। कुछ लोग अपने होने से ही ख़ुशी देते हैं, छटपटाहट है, वो सुकून छिन गया हो जैसे। याद करने वाला मैं अकेला तो नहीं, फिर भी, परेशान हूँ, वो हमें भूल गया हो जैसे। मैं उसे जानता नहीं था, बस देखा था अक्स उसका, अक्सर याद करूँगा फिर भी, मेरा कोई अपना गया हो जैसे। ...

April 29, 2020  · #420

शाम

चलो तुम्हे एक बात बताता हूँ कल की, मेरे सपने में थी, एक शाम अजीब सी, जहाँ तुम्हे सुकून मिले मेरी ख़ामोशी से, और तुम्हारी साँसे महके, मुझे मदहोशी दे। वहां तू राह भी थी, हमराही भी, कितना भी दूर जाऊं, तेरे करीब रहता था, तू ख़ुशी भी थी, नसीब भी, इसलिए मैं खुद को खुशनसीब कहता था। पर गम ना कर अगर ये सपना ही था सच नहीं, तू दिन तो जीले शिद्दत से, आएगी ऐसी शाम भी, हर दिन सपनो सा लगे इस बात पर चलो ज़ोर दें, क्यों हसरत सजा बैठे रहें एक दिन के अंजाम की। ...

November 17, 2019  · #419

मेहरम

खुदको मेहरम कहने दे, तेरा साया बनके रहने दे। जो आग लगी है कलेजे में, इसे सींच ना, थोड़ा जलने दे। कुछ लोग नसीहत देते हैं, ना काबिल तेरे लिए, कहते हैं। क्यों रोके हैं उनका मुँह फिर तू, आज इस बात का इल्म भी करने दे। जिसे मेरे होने का अफ़सोस ना हो, ना जाने कब मिलेगा शख्स वो। उधारी सही, तू फकत सुकून तो दे, यहाँ बस नोचने वाले रेह्न्दे ने। ...

October 16, 2019  · #418

थोड़े  से  तुम  थे

थोड़े से तुम थे, थोड़े हम थे, थोड़ी खुशियाँ, थोड़े गम थे। दर्द ज़िन्दगी में तो ना कभी कम थे, पर वजह सहने की फिर भी, तुम सनम थे। थोड़े से तुम थे, थोड़े हम थे, थोड़ी खुशियाँ थोड़े गम थे। जो मैं तेरा हो ना सका, क्या मुझे हक़ है तुझे अपना कहने का ? ख्वाइशें जो मैं पूरी कर ना सका, क्या मुझे हक़ है कुछ माँग सकने का ? फिर क्या कहें और किसके दम पे , जो मेरे आँसूं तेरे गालों पे नम थे। थोड़े से तुम थे, थोड़े हम थे, थोड़ी खुशियाँ, थोड़े गम थे। ...

September 11, 2019  · #417