ना कहना कभी भूलकर, “मुझ पर तुम शायरी लिखो”,
मेरी नज़्में किसी बख़्श तुझे बयाँ ना कर पाएंगी,
जा देख कभी आईने में कुछ देर खुद को, ओ पाकीज़ा,
ख़ुदा की लिखी शायरी तुझे आप नज़र आ जायेगी।~रबी
[ Don’t ever say, “Write poetry on me”,
My couplets will never be able to describe you,
Go see yourself in mirror for a while, Oh pure soul,
You will get to read the poetry written by the Lord. ]