तू पास रहे न रहे,
तेरे पास होने का एहसास काफ़ी है,
जाना है तो दिल-ओ-दिमाग से जा,
बस नज़रों से दूर जाना नाकाफ़ी है।

जब तक जागूं, तब तक सब्र,
जब सोऊं तो तेरी फ़िक्र सताती है,
मेरा क्या कसूर फिर जो,
तेरे ज़िक्र भर से रूह काँप जाती है।

जाऊं चाहे किसी भी कोने में,
साथ मेरे होती तेरी परछाई है।  
बिन बताये सर पर कूद जाना,
ऐ घर दी छिपकली, ये तो बहुत ही ना-इंसाफी है!

~रबी 

[ Whether you are near or not,
Your feelings are always nearby,
If you want to go, go from mind & heart,
Only going away from eyes is not enough.

It’s alright, till the time I am awake,
But your fear engulfs me when I sleep,
So tell me what’s my fault,
If I start trembling just by your thoughts.

No matter where I go,
Your shadows is always near,
Without telling, you jump on my head,
This is really not fair, dear home lizard! ]