एक रोज़ पीछे मुड़कर देखा, कोई दिखाई ना दिया,
ना दोस्त, ना साथी, ना मित्र, ना सखा।
फिर किसी ने धीरे से कंधे पर हाथ रख कहा,
“भाई मंज़िल आगे है। अब चलें क्या?”~रबी
[ One day, I turned around and could see no one,
No friend, no companion, no mate, no confidant.
Then someone gently tapped over my shoulder, and said,
“Bro, our destination is ahead. Shall we get going now?" ]