क्यों बैठी हो उदास,
चलो तुम्हें मैं एक काम नया देता हूँ।तुम पहनो नए-नए लिबास,
मैं दाद नयी देता हूँ।तुम करो नयी शिकायतें,
मैं फ़साद नए लेता हूँ।तुम गुनगुनाओ नयी पंक्तियाँ,
मैं साज़ नए छेड़ता हूँ।तुम बनाओ ख़्वाबों के पुलिंदे नए,
मैं साथ उनपे चलता हूँ।ना बैठोगी फिर कभी यूँ उदास,
चलो एक काम तुम्हें ऐसा देता हूँ।~रबी
[ Why are you sitting alone,
Come let me give you a little work.
You wear new dresses,
I will devise new praises.
You make new complaints,
I will start new brawls.
You hum new rhymes,
I will find new tunes.
You construct new bridges of dreams,
I will walk on them with you.
You will never sit alone like this again,
Come let me give you such a work. ]