वो मारते हैं मासूमों को,
और फिर कहते हैं ये हमारा जिहाद है,
वो अपनों का ही खून कर खुश होते हैं,
ये किस तरह की जीत, ये कैसा फसाद है?

मैं नहीं मानता उस अल्लाह, उस भगवान् को,
जिसे अपने ही बन्दों के लहू की प्यास है,
परवाह नहीं, फिर अगर कहो तुम काफिर मुझको,
इंसान हो इंसानों को उधेने वाला, नहीं बनाना जल्लाद है।

~रबी

[ They kill the innocents,
And then say, it’s our holy war,
They get happy murdering their own,
What’s this fight, what kind of win?

I do not believe in such kind of Gods,
Who want the blood of their own desciples,
And I don’t care, if you call me an ‘atheist’,
I don’t want to become a grave digger for others. ]