तुम पूछते हो इतने इत्मिनान से कभी कभी ऐसे,
वो भी हम भूल से कह जाते हैं,
जिन्हें हम कबके भुला बैठे थे …

~रबी

[ Sometimes you so ask things so leisurely,
I go on to divulge even all that, by mistake,
Which I had forgotten a long time ago…]