फिर तेरी बातों में वही कशिश नज़र आती है।
फिर तेरी आँखों में वही तपिश नज़र आती है।
फिर तेरे चेहरे पे वही चमक नज़र आती है।
फिर तेरे कदमों में वही खनक नज़र आती है।….बता मुलाज़िम, आज अपने दर्द कहाँ दफना आया है ?
~रबी
[ I can see that attraction in your voice, again.
I can see that flame in your eyes, again.
I can see that sheen in your face, again.
I can see that jingle as you walk, again.
… Tell me servant, where did you bury your pain today? ]