हंस के दो गल्लाँ

जे ओ भुल्ले साड्डा जन्मदिन कदी भुल्ल के वि, लोकी उदास हो जांदे ने, ऐत्थे कदी कोई कर लेन्दा हंस के दो गल्लाँ वि, अस्सी ओउनु ही जन्मदिन सुम्मझ मना लेन्दे ने। ~रबी [ Even if they forget my birthday by mistake, people feel guilty and sad, And here, if someone smiles and talks to me for a while, I celebreate that as my birthday. ] ## Thanks office team for doing this. Means a lot. :) ## ...

September 12, 2014  · #247

तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी

तुझे कभी डर लगे जो अगर, हम छोड़ जाएंगे, कभी देना आवाज जोर से, फिर लौट आएंगे, मैं अक्सर वादा निभा पाता तो नहीं , फिर भी तुझसे चलो ये वादा रहा। तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं। तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं … तुझे क्या लगा हम जो गए, तुझे भूल जाएंगे , ऐसा तो नहीं मेरे न रहने से, नाते टूट जाएंगे, ऐसी प्यारी चीज को भी भला, कोई भूला करता है ? बोलो! तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ मैं। तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं … ...

September 11, 2014  · #246

अब उतर भी आओ ज़मीं पर।

धरती पर जश्न होगा, हर कोई तब मग्न होगा, बजेगा मदहोशी का संगीत , खुद थिरकने का मन होगा… बंजर मिट्टी को बूँद मिलेगी, रुक गई बयार चल पड़ेगी, कुछ टहनियाँ उदास पड़ी हैं, तुम्हे देख फिर झूम उठेंगी… बस… अब उतर भी आओ ज़मीं पर। अब उतर भी आओ ज़मीं पर। रह गयी तुम्हारे बिना, कुछ पंक्तियाँ लफ़्ज़ों बिना, कुछ आँखें दीदार को, कुछ होंठ मुस्कुराये बिना… कुछ बैठे हैं आस में, तुमसे मिलने की ताक में, शायद मन्नत मिल ही जाय, कुछ ऐसे ही एहसास में… बस… अब उतर भी आओ ज़मीं पर। अब उतर भी आओ ज़मीं पर। ...

September 3, 2014  · #244

छोटी सी लड़की की बातें इतनी बड़ी

एक छोटी सी पागल सी लड़की थी, बातें बड़ी बड़ी मगर करती थी। बड़े अजीब से सपने थे उसके, कुछ पराय कुछ अपने थे उसके, अभी उड़ना कहाँ सीखा था उनने, पंख लगने बाकी थे उनमे, अपने सपने अपने में ही कैद रखती थी, कोई छीन न ले, थोड़ा सा तो डरती थी। लोग लड़ा करते थे उससे हर बात पे, वो बेबात लोगों से लड़ा करती थी। कभी मुह सिकोड़ती, कभी मुह बनाती थी, वजन न बढे, तो थोड़ा कम ही खाती थी। खैर ये तो हर लड़की की कहानी है, उसमे क्या अलग था, ये बात कइयों से अंजानी थी, कभी नाखुनो को तिरंगे में रंगती, कभी हाथों को मेहँदी से ढंकती, कभी कुछ पहनती, कभी कुछ पहनती, कभी कभी कुछ और ही ढंग से सजती। ...

August 27, 2014  · #243

माँ

मत दो रोटी मुझको माँ, चाहे भूखा ही रहने दो, मत सुलाओ गोद में अपनी माँ, सारी रात चाहे जागने दो, मत सहलाओ माथा मेरा माँ, भूत से मुझको डरने दो, कर दो बंद कमरे में माँ, अँधेरे में चाहे सिसकने दो। पर मत नाराज हो माँ, मुझे रोना आता है… मुझसे तुम नाराज़ मत हो। जब तुम नाराज होती हो माँ, बहुत बुरा लगता है… तुम जब नाराज होती हो तो। ...

August 25, 2014  · #242

मुझे तू पूरा का पूरा चाहिए

क्या तूने कहा, किसे खबर किसको पता , मैं तो तेरी आवाज ही सुनता रह गया … पुतला था, जाने कहाँ से आया तू, जान मुझमे फूंक दी, तूने क्या असर किया, मचल पड़ी सांस भी उखड़ी उखड़ी, धीरे से क्या ऐसा कहा, न गलत पता न कुछ सही, तुझे देखने को एक नज़र, रात ने भी सुबह कर दी, बाँट ले दुनिया नफरत तेरी चाहे जितनी भी, पर प्यार तो मुझे तेरा सारा चाहिए , न आधा चाहिए न अधूरा चाहिए, मुझे तू पूरा का पूरा चाहिए। चाहिए… मुझे तू पूरा का पूरा चाहिए। ...

August 18, 2014  · #241

मुझे जीने दो

ये फ़िज़ा में ज़रा ज़रा सा, धुंआ जो घुला घुला सा, हवा में कुछ सुगबुगाहट भी है, मेरे होने की शायद आहाट ही है, बस अब शोर न करो, कुछ देर… कुछ देर मुझे जीने दो। ~रबी [ It’s in the air a little bit, Fumes which is mixed, There are a few murmurs in the air, It’s probably the signal of my presence, Now, please don’t make any noise, Just let me… Let me live for sometime. ] ...

August 16, 2014  · #240

कतरा

एक कतरा तेरी आँखों से बहे तो सही, दुनिया को आग न लगा दूँ तो कहना, एक लम्हे की जरूरत है, तू दे तो सही, सारी ज़िन्दगी न बिता दूं तो कहना। छोड़ बीतीं बातों को, अब मैं बदल गया हूँ , अगर अब भी फिर बदल जाऊं, तो कहना। ~रबी [ Let a single tear drop from your eyes, I swear I will burn the whole world, I need just a moment, you just give that to me, I swear I will live my whole life. Leave the talks of the past, I have changed, And I swear, I will never change again. ] ...

August 5, 2014  · #237

सजनी

सजनी देखो, मेरी एक बात सुनो, कबसे नहीं बोली तुम, कुछ बात तो करो, जो भी बात हुई, छोटी बड़ी कुछ भी, जाने दो, तुम ऐसे तो ना रूठो। सजनी, तुम्हे तो पता ही है, मैं कैसा हूँ, छोटी छोटी बात पर बिफर पड़ता हूँ। पर तुम तो वो धागा हो ना, जो बांधे रखता है, तुम टूटो तो मैं भी बिखर पड़ता हूँ। दुखता मुझे भी है सजनी, जो चोट लगती है तुमको , छलनी होता है कलेजा मेरा भी, ठेस लगती है जब तुम्हारे दिल को, बहुत गुस्सा हो ना, मैं जानता हूँ। क्या पता तुम्हे अच्छा लगे, चलो थोड़ा सा मुझे आज मार ही लो। ...

July 31, 2014  · #235

दो लफ्ज़

वो सोचता था कि अब मेरी दुनिया में कोई औकात नहीं, उसे क्या मालूम था, उसके दो लफ्ज़ किसी की जान बचा सकने को काफी थे। ~रबी [ He used to think that he isn’t needed in the world anymore, But what did he know, his two words were enough to save someone’s life. ]

July 30, 2014  · #234