बेरेहमी

जितनी बेरेहमी से अक्सर रुलाता है तू ऐ हंसाने वाले , मत भूल खुदा के घर फिर मुलकात होगी। पर इतना भी ना चाहा कर मुझे , की मरने लगूँ तो जान भी ना निकल पाये। ~रबी [ The way you make me cry, who usually makes me laugh, Do not forget, we have to meet at God’s home again. But do not like me so much, That if I start dying even the spirit refuses to leave the body. ] ...

November 11, 2014  · #268

अब जाने भी दो ना।

[ क्यों खफा हो ज़िन्दगी से, जाने भी दो ना। अब जाने भी दो ना। क्यों लड़ते हो बीते लम्हों से, रहने भी दो ना। अब रहने भी दो ना। ] जिनके पास हो बहुत कुछ, उनके पास भी सब नहीं होता, खुश रहने को फिर भी, किसी के पास कम नहीं होता। ज़िन्दगी तो अभी शुरू हुई है यार, तुम जीकर तो देखो ना। जीकर देखो तो ना। [ क्यों खफा हो ज़िन्दगी से, जाने भी दो ना। अब जाने भी दो ना। क्यों लड़ते हो बीते लम्हों से, रहने भी दो ना। अब रहने भी दो ना। ] ...

November 10, 2014  · #267

बदकिस्मती

एक सहर उठी थी आज, कुछ गुलाबी सी, कुछ लाल सी, और दिन की तरह नहीं थी आज, कुछ अलग थी, एक चमक थी, जैसे बहुत दिनों बाद उठी थी आज, कुछ कहती ताजगी, कुछ महक भी। पर मैं उठना ही भूल गया आज, हाय बदकिस्मती, हाय बदकिस्मती। ~रबी [ A morning woke up today, A little pinkish, a little red, She wasn’t the same like everyday, A little different, there was a spark, Like she woke up after a lot of days today, Something says the freshness, a little fragrance. ...

October 22, 2014  · #265

कोई नहीं

चाहने वाले तो बहुत हैं यहां, ‘चाहने’ वाला कोई नहीं। तड़पता हूँ मैं तेरे लिए, कहे तो कोई, पर अफ़सोस, कहने वाला कोई नहीं। ~रबी [ A lot of people like me here, No one to love. I desire you so much, I wish someone says, But alas, there is no one to say. ]

October 18, 2014  · #264

सब्र कर

आग जला कर कोई भूल गया होगा सर्द रात में, रात काली है, कोहरा घना है अभी भी, उजली सुबह की चाह में अकेली बेठी है यहाँ, थोड़ा सब्र कर सुबह आएगी तो सही। तू अकेली नहीं है, और भी हैं यहाँ, हँसते खेलते जिनकी तिलमिला उठती है ज़िन्दगी, सपने देखती है, सपनो से ही डरती है अपने, थोड़ा सब्र कर, नींद अच्छी आएगी तो सही। चलते चलते थक गयी है तू, मालूम है, दूर कहीं उड़ जाने की ख्वाइश है तेरी, मन बहुत करता होगा नई ऊँचाइयाँ छूने का, पर थोड़ा सा तो सब्र कर , पंख लगने दे तो सही। ...

October 17, 2014  · #263

ओझल

क्या तुम हो सकते हो नज़रों से ओझल हमेशा हमेशा के लिए? क्या करूँ, जहां दिख जाते हो कमबख्त प्यार हो जाता है। ~रबी [ Can you get away from sight forever and ever? What shall I do, wherever I see you, I fall in love. ]

October 16, 2014  · #262

दिक्कत

तू कुछ कहे तो दिक्कत है , तू कुछ ना कहे तो दिक्कत है , तू मिल गयी तो रब ही जाने क्या करूँगा तेरा, तू ना मिले तो दिक्कत है। ~रबी [ It’s a problem if you say something, It’s a problem if you say nothing, Only God knows what will I do with you, if I get you, I am concerned about the problem if I don’t get you. ] ...

October 15, 2014  · #261

यादें

उड़ता है धुंआ, जलता मैं यहां, तेरी यादें जलती हैं, बता जाऊं मैं कहाँ ? जाऊं मैं कहाँ, पता मुझे कहाँ, तुझे भी नहीं पता, तो जा पूछ के आ। साले बता दे, आग लगी है, तन बदन में, किलस रही है। जो यादें जल रही थीं, पागल तेरी ही थीं, अब क्या फायदा, पहले बता देता, बच भी सकती थीं। इतना धुंआ, इतना धुंआ, खांस खांस के परेशां, साला जिसने आग लगाई, उसके पड़ोसी की भैंस की आँख। ...

October 14, 2014  · #260

मन होता है

तेरी आगोश में सोने को मन होता है, तुझसे लिपट कर कुछ कहने को मन होता है, तेरी आँखों में आँखें डाल कर, तेरी उँगलियों में उंगलियां कसा कर, तुझे गौर से देखने को मन होता है। जो सीने में मेरे जल रही है अर्सों से, वो आग तुझसे भिगोने को मन होता है, लगता है गरम चाशनी सा, तेरा बदन छूने को मन होता है। तेरे होटों से निकली उजली भाप में, आँखें सेंक लेने को मन होता है। ...

October 7, 2014  · #257

आँखें बंद करता था तो...

आँखें बंद करता था, तो नजर आता था, एक लहराता आँचल, एक ठहरा दरिया, टप टप करता झरना, तुम्हारे आने की आहट में, भीनी भीनी सी खामोशी, एक सुबह सोई सोई सी। एक बहती खुशबू हवा में, जो तुझसे पहले तेरे आने का पैगाम दे जाती थी , एक सिली सी नमी फिजा में , तेरे बालों से होकर मेरे चहरे को जो छू जाती थी। एक रास्ता संकरा सा, जिसपे हम चला करते थे, धीरे धीरे होले होले, बेसुध से, घंटों बातें किया करते थे। एक पीली पीली धूप चलती थी आगे आगे, जैसे हरे गलीचे पे रास्ता दिखाती हो। या कहीं ऐसा तो नही था, तेरे पैरों से लिपटने को, हर सुबह सब छोड़ कर चली आती हो। अब क्या पता, उसे भी तो तेरे साथ रहना पसंद था। ...

October 6, 2014  · #256