बस इतना सा कर सकते हो ?
जब चलूँ मैं, तुम चलो। जब रुक पडूँ, तुम रुके रहो। क्या इतना तुम कर सकते हो ? बस इतना सा कर सकते हो ? जो ख़ुशी मिले, तुम एहसास हो, जिससे हँसी मिले, तुम काश हो, ना हो अफ़सोस कभी इस बात का, तुम आस हो, पर नहीं पास हो। जब डाँटूं, थोड़ा सुन लो, बाद जितना बुरा भला कहो, क्या इतना तुम कर सकते हो ? बस इतना सा कर सकते हो ? ...