एक गुज़ारिश
आपसे एक गुज़ारिश थी… यूँ तन्हा, उदास रहा ना करो। खफ़ा है ज़िन्दगी आपसे, आप ज़िन्दगी से ख़फ़ा रहो तो रहो, अपनों से बेपरवाह रहा ना करो। एक गुज़ारिश और भी… की थोडा और मुस्कुराया करो, आँखों में चमक ज़रा और लाया करो। सुर्ख होठों को लाल रंग की ज़रुरत नहीं, इन लबों को हँसी से ही सजाया करो। और एक गुज़ारिश आख़री… हम प्यार करते हैं आपसे, हमें इतना सताया ना करो। गलतियां तो सभी करते हैं, पर रूठ कर नहीं… हमें प्यार से ही समझाया करो। ...