ए नूर

क्यों हैं मायूसी छाई , क्यों लाल हैं तेरी आँखें, क्यों है उदास तू, बस इतना बता दे मुझे। तेरी उदासी देख तड़पूँ ये भी कहाँ है सही, लेकिन कुछ पूछूं भी तो कैसे तुझसे कोई रिश्ता भी तो है नहीं। छुपा मत दर्द अपने आँचल से, एक एहसान तू कर मुझपे, तू खुशियाँ नहीं बाँट सकता मुझसे, अपने सारे गम ही मेरे कर दे। अजब है तू भी खुदा, की जिसे देख कर मैं मुस्कुराता था तूने उसे ही आज रुला दिया? जिसको देखने के लिए तरसतीं थीं आँखें मेरी, उसी की आँखों को आज भीगा दिया? ...

April 18, 2013  · #127

आसमान में सुराग

सर चढ़े आसमान को सबक सिखाने को, एक पत्थर बड़ी तबियत से उछाला था यारों, मेरे सर पर पड़े उस सबक के निशान देख, वो आसमान आज भी मुझ पर हँसता है। एक नसीहत देता हूँ ना मानो किसी शायर की नसीहत को, आसमान में सुराग ना कभी हुआ है, ना कभी हो ही सकता है। ~रबी [ To teach a lesson to that sky above, I took a stone and threw upwards, That lesson on my forehead, Is still a topic of amusement for it. ...

April 12, 2013  · #126

दोस्त

जो बहुतों के दोस्त* होते हैं , दोस्त* उन्ही के बहुत होते हैं। *दोस्त: सच्चा दोस्त ~रबी [ Those who are friends* with many, Only for them, the friends* are many. *friends : true friend ]

March 21, 2013  · #123

ज़मीन-ओ-आसमां

जिसे चाहो वो नहीं मिलता, जब चाहो तो नहीं मिलता, मैं चाहूँ जो, नहीं मिलता, और जो चाहूँ सो नहीं मिलता। कहा था तुमने, किसी को भी ज़मीन-ओ-आसमां नहीं मिलता, मुझे तो कहीं भी दोनों का ही निशाँ नहीं मिलता। ~रबी [ Whom you want, you never get, When you want, you never get, If I want, I will never get, And the one that I want, I will never get. ...

March 8, 2013  · #121

दोस्ती

धोखे इस कदर दोस्ती में खाए मेरे दोस्त, दोस्त तो रह गए, पर दोस्ती न रही। ~रबी [ I got betrayed in friendship, to such an extent, my friend, We remained friends, but there wasn’t friendship anymore. ]

March 3, 2013  · #120

जल्लाद

वो मारते हैं मासूमों को, और फिर कहते हैं ये हमारा जिहाद है, वो अपनों का ही खून कर खुश होते हैं, ये किस तरह की जीत, ये कैसा फसाद है? मैं नहीं मानता उस अल्लाह, उस भगवान् को, जिसे अपने ही बन्दों के लहू की प्यास है, परवाह नहीं, फिर अगर कहो तुम काफिर मुझको, इंसान हो इंसानों को उधेने वाला, नहीं बनाना जल्लाद है। ~रबी [ They kill the innocents, And then say, it’s our holy war, They get happy murdering their own, What’s this fight, what kind of win? ...

February 23, 2013  · #119

शायर

मैं शायर हूँ, मुझे बदनामी का डर नहीं, पर ऐ बदनाम करने वाले, मुझे बदनामी की वजह तो बता सही, अक्सर बदनाम वो ही करते हैं मुझे, जिन्हें मेरी शायरी समझ में आती ही नहीं। ~रबी [ I am a poet, I don’t fear being ridiculed, But hey you, making fun of me, Tell me why you are ridiculing, Because mostly only those laugh at me, Who don’t understand a word, and that’s the irony. ] ...

February 20, 2013  · #116

ज़िल्लत

क्यों शायर को बेवजह बदनाम करते हो, रबी, प्यार के सिवा उसने न कुछ दिया है, इन्तेकाम के सिवा उसने न कुछ लिया है, और ज़िल्लत के सिवा उसे न कुछ मिला है। ~रबी [ Why do you defame a poet without any reason? He has never given anything but love, He has never taken anything but revenge, And he never got anything but ridicule. ]

February 19, 2013  · #115

काबिल-ए-फिरदौस

नाज़ है अगर तुझे अपनी कोशिशों पर, तेरी किस्मत तेरे हाथों के आगोश है, मेरी नज़रों में एक तू ही ताहिर, बस एक तू ही काबिल-ए-फिरदौस है। ~रबी [ If you are proud of your efforts, Your luck is in the embrace of your palms, In my eyes, you are the only pure soul, Only you are entitled for heaven seventh. ]

February 17, 2013  · #114

यारी

सुख चैन सब लूटा, घर-बार सब छूटा, यारा तेरी यारी बड़ी मेहेंगी पड़ी। पर सब गया तो गया, तेरी यारी तो रही, जीना पड़ा इसी के सारे अब अगर सारी ज़िन्दगी, तो भी मुझे अब कोई गर्ज़, कोई मलाल नहीं। ~रबी [ My happiness got destroyed, Everything in life, I lost, My friend, you friendship proved very costly. But let everything be gone, at least I have your friendship, Now if I have to live my whole life by only that, I won’t ever regret it, even for a minute. ] ...

February 14, 2013  · #113