बेरोजगारी

पता नहीं इसे उन्हें गलती से मिले फुर्सत के पल, या हमारी बेरोजगारी का आलम कहते हैं, की लिखते तो हैं हम सुबह-सुबह, लोग पढ़ते-पढ़ते शाम कर देते हैं। ~रबी [ Don’t know if it’s called a moment’s breather given to them, Or the fact that we don’t have any work to do, That we write it very early in the morning, But by the time they read it, it gets late in the evening. ] ...

April 20, 2014  · #176

मुझको पहले से ही पता है

जो बात तुम कहना चाहते हो, वो मुझको पहले से ही पता है, जो बात है, मुझे मालूम है, तुमको कहते दर्द तो होता है। बेचैनियां दिखती हैं तुम्हारी आँखों में, तुम्हारे चेहरे पे, तुम्हारी साँसों में, तुम्हारे सीने में, धड़कनो में, तुम्हारे कांपते हाथों में। तुम चाहते हो सब पहले सा हो जाए, पर तुम जानते हो अब ऐसा हो नहीं सकता, तुम चाहते हो जो खोया वो लौट आये, पर इस बार जो गया वो वापस आ नहीं सकता। ...

April 20, 2014  · #177

यादों में

ऐ मुझसे दर्द-ए-जुदाई की उम्मीद रखने वालों, कभी मेरी रुखसत-ए-दुनिया पर दो आंसूं बहा लेना। ऐ मेरी आह पर वाह वाह करने वालों, कभी कबर् पर आकर दो जुगनू जला देना। मैं आज ज़िंदा हूँ, कल का मुझे होश कहाँ, जो न रहूँ, एक याद समझ यादों में जिला लेना। ~रबी [ Hey all of you who expect me to be pained by your separation, When I separate from the world, please try to shed 2 tears, Hey all of you who applause when I scream through my guts, On my grave, please do come and burn 2 candles, I am alive today, I am not sure about tomorrow, If am not there, please do keep me alive in your memories. ] ...

April 10, 2014  · #172

मुझसे बेहतर

मैं इस फरेब में नहीं रहता की मुझसे बेहतर तुम्हे कोई मिल नहीं सकता, शायद यही वजह है की मुझसे बेहतर तुम्हे कोई मिल नहीं पायेगा। ~रबी [ I don’t live in the ignorance that you can’t get someone better than me, Probably that’s the reason you won’t ever get someone better than me. ]

April 6, 2014  · #170

नफ़रत

वो करती थी प्यार से प्यार और नफ़रत से नफ़रत कभी, आज उसे प्यार से नफ़रत और नफ़रत से प्यार हो गया। वो जो समझाया करता था, ना कर किसी से इतना प्यार पगली, वो खुद किसी की नफ़रत का शिकार हो गया। ~रबी [ She used to love the Love and hate the Hatred, Today she hates the Love and is in love with Hatred, And he who used to advise her, don’t love anyone so much idiot, He himself became a victim of someone’s hatred. ] ...

April 2, 2014  · #169

सुकून-ओ-करार

है मिसरी सा, कानो में घुलता एक-एक लफ्ज़ तेरे प्यार का, लगे चौदवी का चाँद भी बेनूर, जो हो दीदार मेरे यार का, खनक है चूड़ी जैसी, उसकी कांच की बातों में, कभी गुजरे हो वो जिस ओर से, हम बैठे रहते हैं उन्ही राहों पे, जिसके ख़त्म हो जाने से आ जाए यकीन सुकून-ओ-करार का, मुझे रहता है इंतज़ार उसके ऐसे किसी इंतज़ार का। ~रबी [ Like sugar, her words melt in my ears, Even that glorious moon fades, when my love shows her face, When she talks, it sounds like the tinkling of her bangles, The way she took once, I keep sitting on that path waiting for her, At the end of which I get the belief of relief and peace, I wait to get such an opportunity to wait for her. ] ...

April 1, 2014  · #168

दर्द

दर्द इतना है, शायद अब दर्द की तलब सी हो गयी, जो ना हो दर्द तो लगता है, मुझे कुछ ना-मुकम्मल कहीं, कभी कभी दर्द खुद चिल्ला उठता है, बस कर फैज़, अब और नहीं, अब और नहीं। ~रबी [ There’s so much pain, may be now I am addicted to it, If I don’t feel pain, I feel there’s something missing in me, Sometimes the pain itself cries out loud, Stop it Faiz. It’s enough. It’s enough. ] ...

March 31, 2014  · #167

बोल कौन रंग लगाऊं तुझे...

बोल कौन रंग लगाऊं तुझे… है एक पीली पीली सुगबुगाहट का रंग, जो तेरे आने से दमक उठता है, है एक गुलाबी ख्वाइशों का रंग, जो तुझे देख मचल उठता है, है एक लाल रंग मेरे पास, पर वो तो तूने गालों पर कब से ओढ़ रखा है, है एक गहरा नीला रंग, जो तेरी आँखों से ही निकला लगता है, है एक हरा रंग, क्या कहूँ इसके बारे में, तेरी मेहँदी से शायद बहुत जलता है, है तो रंग बहुत से और भी, कत्थई, नारंगी, फिरोज़ी, जामुनी… तुझ पर न चढ़े तो फिर इन रंगो में क्या रखा है। ...

March 17, 2014  · #166

बेदर्द

हमें “बेदर्दी” की ज़िल्लत न दो, हम “बा-दर्द” कहलाते हैं, बेदर्द तो वो होते हैं, जो ता-उम्र बे-दर्द रह जाते हैं। ~रबी [ Don’t call me heartless, I am “hurt-full”, Heartless are those, who remain “hurt-less” their whole life. ] ## 2 liners are always my favorite. Fastest to write. But writing something clever/witty is always the challenge. Thanks Akshita. ##

March 16, 2014  · #165

जीने की रज़ा

तुम गयी, सांस गयी, सांस लेने कि वजह गयी, जिस फ़िज़ा कि सोहबत में जीता था, तेरे संग संग वो फ़िज़ा गयी. कुछ दीवाने कहते थे, बहार है बहार है, तुम गयी, तो लगता है आ खिज़ा गयी, तुमको देखा तो आते आते, एक पल को रुक क़ज़ा गयी. अब तो तुम ही बताओ किस के लिए जियें, जो थोड़ी थी बची हुई, तुम गयी, तो वो जीने की भी रज़ा गई। ...

March 13, 2014  · #164