चेहरा

चेहरा तो भुला देता हूं, क्या करूं, यादें नहीं मिटती, दिन तो कट जाते हैं यूं तो, तुझ बिन रातें नहीं कटतीं। वो तकियों को नम करना, और मुंह भींच कर रोना, कोई सुन ना ले मेरी सिसकियां, तो चीख़ों से आवाज़ नहीं निकलती । मैं सोता नहीं चादर तले, इस आस में तुम आके जगाओगे, पर तुम नहीं आते, ना आओगे, ना जाने क्यों, फिर भी, आंखें नही खुलती । ...

January 28, 2025  · #434

अलविदा

कभी हम भी चले जाएंगे ऐसे ही एक दिन, तुम्हें अलविदा कहना है, तुम आज ही कह दो। कहीं तुम तो ना चले जाओगे ऐसे ही एक दिन? कुछ समय तो दोगे मुझे अलविदा कहने को ? क्योंकि वो भी चले गए यों ही बिन कहे, हमें अलविदा कहना था, ना कह सके। अलविदा… ~रबी [ One day, we too shall depart just like this, Say your goodbyes to me today, if you wish. What if you were to leave me, suddenly one day? Would you give me a moment to say goodbye, I pray? For they too left without a word, it’s true, We wanted to say goodbye, but couldn’t do. ...

June 28, 2023  · #430

हर्ज़

वैसे तो नहीं मानता मैं, ये रिवाज़ नए-नए त्योहारों के, जहां दुनिया बताती है, कहां, कब और क्या खरीदना है बाजारों से। मगर मां को एक दिन के लिए खुश देखा, तो लगा, नए रिवाज अपनाने में, इतना हर्ज़ भी क्या है? यूं बाजारी त्योहार मनाने में, इतना हर्ज़ भी क्या है? कौन सा साल भर मैं इतनी, कद्र करता ही हूं मां की, बाकी दिन वैसे भी मुझे खिलाकर, वो अकेले आधी रात को खाती है। घुटने का दर्द ना मैं याद रखता हूं, ना वो कभी अपने से याद दिलाती है। काश बाकी दिन भी पूछ लिया करूं, मां ये तेरा मर्ज़ भी क्या है? आज ड्यूटी निभाने को पूछा तो, यूं बाजारी त्योहार मनाने में, इतना हर्ज़ भी क्या है? ...

June 25, 2023  · #429

रोज़ मरना

कोई क्या ही समझ सकेगा उसका दर्द, रबी, जिसे मरहम से पहले दर्द नोचना पड़ता है। तुम खुशहाल जीने की नसीहत ना ही दो तो सही, उसे ज़िंदा रहने के लिए रोज़ मरना पड़ता है। ~रबी [ Who can truly grasp the depth of his pain, Rabi, One who must scratch his wounds before applying balm? It’s futile to offer him advice on living joyfully, For he must die every day just to remain alive. ] ...

June 24, 2023  · #428

बात

बात, करने को तड़पते हैं कई लोग, बात, करो तो बात से बात निकलती है। बात, ये नहीं कि दोस्त कितने हैं, मेरे दोस्त, बात, ये है की उनसे दोस्ती कितनी है। ~रबी [ Many people yearn to talk. If you start a conversation, it leads to more conversation. The important thing is not how many friends you have, my friend. The important thing is how deep your friendship is with them. ] ...

June 23, 2023  · #427

मुबारक़

ज़िन्दगी का नाम ही परेशानी रख देना चाहिए, और परेशानी को ही मुझे अपना फलसफा कहना चाहिए। मगर इस पथरीले इकतरफा फ़साने में एक मोड़ आता है, जहाँ से रास्ता आसान तो नहीं होता, पर चलने का हौसला मिल जाता है। जब बाँटने वाला मिलता है ना, तो परेशानी आधी और ज़िन्दगी पूरी लगने लगती हैं। जब हौसला मिलता है ना, तो रास्ता छोटा और मंज़िल पास लगने लगती है। ...

September 11, 2020  · #425

या तो हम ना होते

या तो हम ना होते, या तो वो ना होते। या होते भी अगर, तो ये हालात ना होते। मैं थक गया हूँ लड़ लड़कर, काश… हम अपनों से ही बर्बाद ना होते। जो बोला है करो, जो होता है सहो, चुप रहो ! दो पल सुकून चाहना गुनाह है यहाँ, काश… हम पर ऐसे इल्ज़ामात ना होते। घुटते रहने दो इसे, जो भी है अंदर, चाहे कितना ही गहरा हो पीठ का खंजर। हम मर भी जाएँ तो किसे क्या ही फ़िक्र है, काश … रिश्ते इस तरह ख़ैरात ना होते। ...

August 28, 2020  · #424

अकेला

उसकी यादें, उसकी चाहत, उसके ख्वाब, उसकी हसरत, उसकी हस्ती, उसके वादे, कुछ कर जाने के इरादे, माँ की गोद, पत्नी का आँचल, लोरी को ताकती बेटी का काजल, दर्द का बोझ उठाये कंधे, गले में उलझे पोशीदा फंदे। …हम्म सब मरते हैं साथ में, वो ‘अकेला’ मरते हुए भी अकेला नहीं होता। ~रबी [ His memories, his desires, His dreams, his longings, His personality, his promises, Intentions to do something, Mother’s lap, wife’s scarf, Mascara of little daughter waiting for lullaby, Shoulders bearing the pain, An invisible noose stuck in the neck. … Hmm Everything dies with him, He is not alone even while dying ‘alone’. ] ...

June 14, 2020  · #422

मैं कश्ती हूँ

मैं कश्ती हूँ, मैं बहूँगा, थोड़े जल की बस ज़रूरत है। मैं लफ्ज़ हूँ, मैं रहूँगा, चढ़ने की लबों पे ये कुव्वत है। जो देखे थे तूने सपने, वो ख़्वाब अब भी पाले हूँ। तेरी आँखों से गिरे कतरे, मैं अब भी उन्हें संभाले हूँ। मैं सुबह हूँ, मैं लौटूँगा, बस रात ढलने की ही देरी है। मैं आग हूँ, मैं देहकूँगा। चिंगारी लगने की बारी मेरी है। ये ज़ंजीर मुझको काटे हैं, मुझे इनसे तू कट जाने दे। मैं हल्का सा ही जी लूँगा, फिर चाहे पूरा मर जाने दे। ...

May 16, 2020  · #421

...हो जैसे

आज वो नहीं, कुछ अंदर-अंदर मरा हो जैसे। काश बह जाए, मुझमें एक समंदर भरा हो जैसे। वो चला गया बेवक़्त ऐसे ही एकदम से, तक़लीफ़ हो रही है, घाव बेहद हरा हो जैसे। आज आसमान देखने की चाहत नहीं रही, मेरा चहीता तारा टूटकर गिरा हो जैसे। कुछ लोग अपने होने से ही ख़ुशी देते हैं, छटपटाहट है, वो सुकून छिन गया हो जैसे। याद करने वाला मैं अकेला तो नहीं, फिर भी, परेशान हूँ, वो हमें भूल गया हो जैसे। मैं उसे जानता नहीं था, बस देखा था अक्स उसका, अक्सर याद करूँगा फिर भी, मेरा कोई अपना गया हो जैसे। ...

April 29, 2020  · #420