जो कहना है कहा नहीं जाता,
तुम अजीब-ओ-गरीब बातें करते हो।
जो मैं पूरी कर नहीं सकता,
न जाने कैसी-कैसी फरियादें करते हो।
क्या सुनूँ, क्या समझूँ मैं,
तुम क्या कहते, क्या छुपा कर रखते हो।
न जाने क्यों लगता है तुम्हें, दवा नहीं मैं,
इसलिए अपना मर्ज़ दबा कर रखते हो।
छोड़ो, जब दूर जाते जाते थक जाओ, तो लौट आना,
मैं कहाँ मिलूंगा, इसका पता तो तुम रखते हो।~रबी
[ What you want to say, you don’t say,
Instead you do these weird talks.
The things that I can’t solve,
Those are the kind of problems you forward.
What should I listen, and what should I understand,
God knows what you say and what you conceal.
I don’t know why you think I am not the medicine,
So you keep your disease pressed from me.
Anyways, when you get tired of going away, just come back,
You already know where to find me. ]