सर चढ़े आसमान को सबक सिखाने को,
एक पत्थर बड़ी तबियत से उछाला था यारों,
मेरे सर पर पड़े उस सबक के निशान देख,
वो आसमान आज भी मुझ पर हँसता है।

एक नसीहत देता हूँ
ना मानो किसी शायर की नसीहत को,
आसमान में सुराग ना कभी हुआ है,
ना कभी हो ही सकता है।

~रबी

[ To teach a lesson to that sky above,
I took a stone and threw upwards,
That lesson on my forehead,
Is still a topic of amusement for it.

I give you an advice,
Never take advice from a poet,
Nobody has ever been able to make a hole in sky,
with a stone, nobody ever will. ]