आओ किसी दिन मेरे आँगन में तुम धूप बन कर,
मेहको कभी मेरे बाग़ों में एक फूल बन कर,लहराओ किसी दिन मेरी छत पर तुम पतंग बन कर,
बसो कभी मेरे दिल में एक उमंग बन कर,होने दो किसी दिन यकीन मुझे भी अपनी किस्मत पर,
रखो कभी अपने कदमो को मेरी चौखट पर,क्या करूँ बहक जाता हूँ, तुम्हें देख कर,
बता देना, कहीं मैंने कुछ ज़्यादा तो नहीं मांग लिया।~रबी
[ Come someday, like sunshine in my courtyard,
Smell sometime, like a flower in my garden.
Wave someday, like a kite on my terrace,
Settle sometime, like enthusiasm in my heart.
Let me believe someday, that I can also have good luck,
Step sometime, in my little home,
What can I do, I get distracted every time I see you,
Do tell, if I have asked for a little too much. ]